
गड़चिरोली. विगत कुछ दिनों से जंगली हाथी गड़चिरोली तहसील के मौशीखांब परिसर में फसलों को तबाह कर रहे है. अब तक इस परिसर के अनेक किसानों के सैंकडों एकड खेत परिसर की धान फसलों को हाथियों ने अपने पैरों तले रौंदा है. यहां खडी फसलों का तो नुकसान कर रहे है, इसके साथ साथ कुटाई किए गए धान बोरियों का भी हाथी नुकसान कर रहे है.
आरमोरी, गड़चिरोली व धानोरा इन तिनों तहसील के सिमावर्ती क्षेत्र के जंगल परिसर में जंगली हाथियों का विचरण शुरू है. विरण के दौरान यह जंगली हाथी किसानों के फसलों को तबाह कर रहे है. फिलहाल यह झुंड नरचुली व पिपरटोला परिसर में विचरण कर रहा है. बिख् बिच में मौशीखांब गांव समिप आ रहा है.
धान फसले कटाईयोग्य होने से धान फसलों की कटाई का दौर शुरू है. लेकिन इसी दौरान फसलों का नुकसान जंगली हाथी कर रहे है. यह परिसर घने जंगलों से घिरा है. साथ ही हाथियों के लिए पोषक वातावरण होने से इस परिसर में जंगली हाथियों का विचरण् है. ऐसी जानकारी वनविभाग के सुत्रों से मिली है. जंगली हाथियों के झुंड के कारण मौशिखांब, बेलगांव, मोहटोला तथा मरेगांव परिसर के किसानों में दहशत है. अकेले खेत में जाने में किसान कतरा रहे है.
हाथ में आया निवाला छिना
फसले कटाईयोग्य होने के कारण विगत कुछ दिनों से धान फसलों की कटाई व कुटाई का दौर शुरू है. समुचे सीजन में काफी मेहनत लेकर, खेतों में पसीना बहाकर किसानों ने फसलों की उगाई की तथा फसलों का संरक्षण किया है. लेकिन जंगली हाथियों द्वारा खेतों में नुकसान करने से हाथ में आया निवाला छिन रहा है. जंगली हाथियों ने धान फसलों का नुकसान किया. जिससे किसानों पर संकटों का पहाड तुटने की भावना किसानों द्वारा व्यक्त की जा रही है. जिससे सरकार यथाशिघ्र मुआवजा दे, ऐसी मांग नुकसानग्रस्त किसान चिंतामण कुरूडकर, निलकंठ कुरूडकर, धुमदास आडबैले, तुकाराम कुरूडकर, अनिल राऊत आदि समेत अन्य किसानों ने की है.