Farmers Suicide
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    यवतमाल. अच्छी फसल ना होने, कर्ज और कर्ज अदायगी के कारण आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को सरकारी सहायता प्रदान करने के लिए जिला समिति की बैठक में निर्णय लिया गया. सोमवार को अपर जिलाधिकारी प्रमोद सिंह दुबे के हाल में हुई बैठक में जिले में कुल 8 प्रकरणों की समीक्षा की गई. इनमें से दो मामले पात्र थे, तीन अपात्र थे और तीन मामलों को बाहर कर दिया गया था, क्योंकि वे किसान आत्महत्या से संबंधित नहीं थे. अपर जिलाधिकारी प्रमोद सिंह दुबे की अध्यक्षता में जिला स्तरीय किसान आत्महत्या प्रकरण जांच समिति की बैठक आज जिलाधिकारी कार्यालय में हुई.

    अपर जिलाधिकारी दुबे एवं निवासी उपजिलाधिकारी ललित कुमार व-हाडे ने जिला स्तरीय कमेटी की समीक्षा कर प्रकरणों का निराकरण किया. जून के महीने में 14 जून और 18 जून को जिलाधिकारी अमोल येडगे की अध्यक्षता में किसान आत्महत्या के मामलों की समीक्षा की गई. 14 जून को कुल 12 मामले दर्ज किए गए. जिनमें से 6 को पात्र और 6 को अपात्र घोषित किया गया.  साथ ही 18 जून को हुई बैठक में 25 मामलों की समीक्षा की गई. इनमें से 10 मामले पात्र थे, 10 अपात्र थे और पांच मामलों को बाहर कर दिया गया था क्योंकि वे किसान आत्महत्या से संबंधित नहीं थे.

    बैठक में पुलिस, स्वास्थ्य, कृषि और समाज कल्याण विभागों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ जिला उप निबंधक कार्यालय, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक, जिला अग्रणी बैंक और कृषि विकास अधिकारी कार्यालय के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.