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    बिजली विभाग की आपूर्ति में मनमानी,

    यवतमाल. इन दिनों यवतमाल जिले में रबी फसल ली जा रही है, इसमें गेंहु, और चने की फसल को दिन और रात में पानी देना पडता है. लेकिन जिले में अधिकांश तहसीलों में बिजली महावितरण कंपनी के विभीन्न सबस्टेशन के जरीए बिजली आपूर्ति का जो शेडयुल बनाया गया है, उसमें रात के दौरान बिजली छोडी जा रही है.

    जिससे ग्रामीण ईलाकों के किसानों को रातों में कडाके के ठंड में खेत में बसेरा कर बिजली का इंतेजार करना पड रहा है,तो कभी रात के अंधेरे में पगडंडीयों, जंगलों,कंटीली झाडीयों से खेतों में जाकर फसल सिंचाई करनी पड रही है.किसान दिनभर खेतों में परिश्रम करते है,लेकिन बिजली विभाग रात 11.30 बजे से सुबह 7.30 बजे तक सिंचाई के लिए बिजली आपूर्ति हो रही हैं.

    जिससे यह निर्णय सरकार और बिजली प्रशासन ने क्यों लिया है, यह किसानों की समझ से परे है.दिन में शहरी और ग्रामीण ईलाकों में  बिजली आपूर्ति का दबाव अधिक होने से रात के दौरान सिंचाई क्षेत्र में ग्रामीण ईलाकों के सबस्टेशन द्वारा ट्रान्सफार्मर के जरीए खेतों के लाईन पर बिजली छोडी जाती है, एैसा तर्क बिजली विभाग के अधिकारी देते है. 

    ग्रामीण ईलाकों में किसानों कों रात के शेडयुल में सिंचाई के लिए बिजली मिलने से किसानों कों रात के अंधेरे में खेतों में जाकर गेंहु, और चना, तथा अन्य फसलों को सिंचाई करनी पडती है,इस दौरान ट्रान्सफार्मर, डीपी में बिगाड, फ्युज उडने जैसी तकनिकी तौर पर दिक्कतें है, लेकिन बिजली विभाग के कर्मचारीयों की रात के शेडयुल में डयुटी नही लगायी जाती है.

    जिससे किसानों को जान खतरे में  डालकर यह तकनिकी दिक्कतें दूर करनी पडती है, जिससे हमेशा अनुचित घटना की आशंका बनी रहती है.इसके अलावा रात में किसानों के खेत में होने से उनके परिवारों में भी चिंता होती है.