प्रतीकात्मक तस्वीर
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    • देवगांव प्रकल्प कार्यालय की उदासिनता

    यवतमाल. आर्णी तहसील के देवगांव क्षेत्र में इन दिनों रबी फसल बुआई और सिंचाई के लिए किसानों कों बांध होने के बावजुद जल नसीब नही हो रहा है. रबी फसल में गेंहु, चना के लिए सिंचाइ्र जल लगता है, लेकिन दिसंबर माह शुरु होने पर भी देवगांव प्रकल्प कार्यालय सिंचाई जल देने में उदासिनता बरत रहा है, जिससे क्षेत्र के अनेक किसान जल के अभाव में बुआई नही कर पाए है.

    इन दिनों रबी फसल सत्र जारी है, इसमें किसान गेंहु, चना यह प्रमुख फसल लेते है, लेकिन आर्णी तहसील के देवगांव सिंचाई प्रकल्प क्षेत्र में दिसंबर माह के बावजुद प्रकल्प कार्यालय ने कॅनाल दुरुस्ती करने के लिए कोई हलचल नही की, जिससे किसानों को बांध से जल नही मिल पा रहा है.प्राप्त जानकारी के मुताबिक बांध से जो कैनाल जुडे है, उसमें बडे पैमाने पर खरपतवार उग आयी है,जबकी मुख्य कैनाल में जगह जगह दरारें पड चुकी है.

    इस सिंचाई प्रकल्प से क्षेत्र में 1334 हेक्टेयर क्षेत्र के 1105 किसानों लाभार्थी है, जिन्हे सिंचाई जल दिया जाता है, आर्णी तहसील में यह एकमात्र सिंचाई परियोजना है, लेकिन पाटबंधारे विभाग के अधिकारीयों नें इस सिंचाइ्र प्रकल्प पर ध्यान न देने से इसका बंटाढार हो चुका है, हर वर्ष चालचलाऊ तौर पर बांध, कैनाल की मरम्मत कर पैसा खर्च किया जाता है.

    इस सिंचाई प्रकल्प के तहत 3 जलवितरण करनेवाली सहकारी संस्थाएं जिनमें तरोडा की जय हनुमान, जय श्रीराम पानी वितरण संस्था तथा जय शिवाजी महाराज जल वितरण संस्था का समावेश है, जो फिलहाल आर्थिक संकट में है.35 बरस जुने इस प्रकल्प के मरम्मत के लिए पाटबंधारे विभाग द्वारा प्रयास न होने से इसकी दुरावस्था हो चुकी है.लोणी,जवला8 ,गणगाव, तरोडा,शेलु आदी गांवों में जलवितरीकाएं खराब हो चुकी है.

    विशेष बात यह है की मुख्य कैनाल की उंचाई कम हो जाने से इसमें जलबहाव करने की क्षमता कम हो चुकी है, जिससे बांध से कैनाल में जल छोडने पर इसके टेल तक पानी नही पहूंचता है, कुछ समय जल बहते समय कैनाल फुट जाता है, जिससे किसानों के फसल को नुकसान होता है.इस बार भी रबी फसल के पहले कैनाल मरम्मत नही की गयी है, जिससे क्षेत्र के किसान रबी फसल नही ले पा रहे है, इससे फसल उत्पादन पर विपरित परिणाम होंगा, जिससे किसानों में चिंता व्याप्त है.

    लोणी में 10 बरसों से किसान सिंचाई से वंचित

    देवगाव सिंचन प्रकल्प के लाभ क्षेत्र में आनेवाले लोणी के लगभग 27 किसानों कों बांध प्रशासन की लापरवाही से बिते 10 बरसों सें सिंचाई जल से वंचित होना पड रहा है.जवळपास २७ शेतकऱ्यांना १० वर्षांपासून वंचित राहावे लागत आहे. इस ईलाके में 30 हेक्टेयर क्षेत्र सुखा रहता है,2007 से लाभ क्षेत्र में फसल सिंचाई के लिए जल नही मिल पा रहा है.

    लोणी उपकैनाल पुरी तरह बंद पडा है, विशेष बात यह है की लाभक्षेत्र में मौजुद होने के बावजुद किसानों को इसका लाभ नही मिलता है, एैसे में किसानों ने प्रकल्प कार्यालय में शिकायत की, लेकिन किसी ने भी कैनाल मरम्मत पर कोई कारवाई नही की.