किसानों को बारिश का इंतेजार, बारिश के अभाव में फसल न उगने से सरकार किसानों को बीजों की मदद करें

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    • शेतकरी वारकरी संगठन के अध्यक्ष सिकंदर शाह की मांग

    यवतमाल.किसानों को गायब हो चुकी बारिश का इंतजार बना हुआ है.जून माह भी खत्म होने की कगार पर आ गया है. लेकिन बारिश नहीं होने से हजारों किसानों ने खेतों में बोए बीज अंकुरित नहीं हो पाए है, जिससे अब किसानों पर  दुबार बुआई का संकट आन पडा है. इसीलिए किसानों को खेतों में बुआई हेतु फिर से बीज उपलब्ध कराएं जाए, इस आशयबीजों के लिए मदद दें, ऐसी मांग शेतकरी वारकरी संगठन के अध्यक्ष सिकंदर शाह ने की है.

    सिकंदर शाह ने हाल ही में जिले के कुछ ग्रामीण इलाकों का दौरा करने पर किसानों ने उन्हें आपबीती सुनायी. मौसम विभाग ने जून माह में अच्छी बारिश होने का अनुमान जताने से किसानों ने मान्सूनपूर्व सोयाबीन,कपास, और फसलों की बुआई की थी, लेकिन मानसून और मृगनक्षत्र में बारिश ने दगा दे दिया. बोए गए बीज जमीन में ही खराब हो चुके है, जिससे अब अनेक किसानों पर दुबारा बुआई का संकट मंडरा चुका है, सभी किसान इन दिनों बारिश की प्रतिक्षा कर रहे है.शुरुआत में बुआई किए गए उसी तरह दुबारा बुआई करनेवाले कुछ किसानों को फिर से बोए गए बीज भी बर्बाद होने की संभावना जतायी जा रही है. 

    राज्य के कृषिमंत्री गुवाहाटी में, किसानों की समस्याएं अधर में

    उल्लेखनीय है कि राज्य में राजनीतिक घटनाक्रम के बीच शिवसेना के बगावती नेता एकनाथ शिंदे गुट में राज्य के कृषिमंत्री दादाराव भुसे भी शामिल है. गुवाहाटी के फाईव स्टार हॉटेल में वे ठहरे हुए है.

    मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री समेत सभी विभागो के मंत्री, नेता केवल सत्ता परिवर्तन की लडाई में उतरे है, विधायक भी गुवाहाटी जा चुके है, इसके अलावा अन्य विधायक भी इसी घटनाक्रमों में शामिल है, जिससे किसानों की समस्याओं और प्रश्नों पर ध्यान देनेवाला कोई न होने जैसी स्थिति फिलहाल राज्य में निर्माण हो गयी है. जिससे किसानों के सभी मुद्दे अधर में लटक चुके है.मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे उनके भागे हुए विधायकों के इंतेजार में है तो दूसरी ओर किसान बारिश की प्रतिक्षा कर रहे है, ऐसी स्थिति राज्य में निर्माण हो चुकी है.

    कुछ दिनों पहले राज्य में लाऊडस्पीकर पर  खडा कर कर राजनीति गरमा गयी थी, इसके बाद राज्यसभा और विधानपरिषद के चुनावों की हलचलों के बाद अब सत्ता परिवर्तन का खेल चल रहा है.जिससे राज्य के किसानों हालत बिकट हो चुकी है. किसानों को फसल कर्ज मिला या नही, उनका फसल बीमा उतारा गया या नहीं, बीज, खाद किसानों को मिला या नहीं इसकी दखल लेने कोई तैयार नही है,ऐसे में राजनीतिक घटनाक्रमों के कारण अब किसानों का वाली कौन है, ऐसा सवाल सिकंदर शाह ने उपस्थित किया है.

    किसानों के लिए रास्ते पर उतरेंगे

    लाऊडस्पीकरण के मुददे के खिलाफ किसानों ने मुंबई में आंदोलन कर सरकार पर दबाव लाने का प्रयास किया था, इसके बाद भी राज्य में राजनीतिक अस्थिरता समाप्त होने के संकेत नही है, सत्ता परिवर्तन की लडाई छोडकर किसानों के प्रश्नों को हल करें, बारिश ने दगा देने से बडे पैमाने पर किसानों पर दुबारा बुआई का संकट किसानों पर छा चुका है.जिससे नुकसानग्रस्त किसानों को मुफ्त बीज, उपलब्ध किए जाएं अन्यथा रास्ते पर उतरकर आंदोलन करने की चेतावनी सिकंदर शाह ने दी है.