जंगल समीप क्षेत्र की खेती का जंगली जानवरों से किसानों पर संकट, किसानों को वन विभाग के मदद की आवश्यकता

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    आर्णी. तहसील में जंगल का क्षेत्र बढा होने  की वजह से जंगल के समीप अनेक गाव व उस गांव के खेती है.  खेती के जाते समय अनेक जंगली जनवरों का सामना करना  पडता है. साथ ही खेतों की फसलों को भी इस जानवरों से खतरा है.  जिस वजह किसान अर्थिंक संकट आया है. किसानों को वन विभाग की आवश्यकता है.

    तहसील के किसानों ने रब्बी मौसम की फसले अपने खेतों में बुआई की है.  इस रब्बी हंगाम की फसलों को जंगली सुअर,रोही समेत अन्य जंगली जानवर खेती का नुकसान कर रहे है.  किसान अपने खेत की रखवाली करने के लिए दिन रात अपनी फसल को पहरा देते है.  रात के समय पर इस जनवरों को बचाने के लिए रात भर जागकर खेत की रखवाली होती है. उसके बावजूद भी जंगली जनवर अपना काम फते करते है. जिस वजह से जंगली क्षेत्र खेत  परिसर में तार का कुंपन करना आवश्यक है. 

    हमारा खेत देवगाव प्रकल्प रास्ते पर है. जंगली जनवर बडे पैमाने पर रात के समय पर खेती की फसल खाने के लिए आते है. जिस वजह से किसानों को रात के समय पर खेती की रखवाली करने पडती है.

    - नाना चौधरी, किसान, लोणी

    हमारा खेत जंगल परिसर में होने की वजह से हमे रात के भर जागरण करना पडता है. रात के समय पर जंगली सुअर, रोही समेत अन्य जनवर खेत में आते है. अनेक बार इस खेत की फसल फते की है. जिस वजह से कृषि विभाग, वन विभाग के पास मदद के लिए आवेदन करना पडता है. इस वजह से स्थायी रूप से उपाय योजना करनी चाहिए

    सुनिल माधवराव इंगले, किसान, पिपंलनेर, आर्णी तहसील