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    • सतर्कता : दमकल विभाग को हर समय रहना पड़ता है चौकन्ना 

    यवतमाल. ग्रीष्मकाल में जहां एक ओर सूर्य की किरणें आग उगलती हैं. वहीं दूसरी ओर इस मौसम में आग लगने की अनेक घटनाएं तेजी से सामने आती हैं. मार्च माह शुरू होते ही गर्मी अपना असर दिखाना शुरू कर देती है. वहीं मई माह में मार्च की तुलना में गर्मी और तेज हो जाती है, इसलिए इस महीने में आग लगने की घटनाएं ज्यादा होती हैं. 

    सुरक्षा के उपायों पर ध्यान देना है जरूरी

    हर वर्ष का ग्रीष्मकाल आग लगने की अनेक घटनाओं का साक्षी बनता है. आग लगने की घटनाएं बढ़ने के कारण अग्निशमन विभाग को विशेष रूप से चौकन्ना रहना पड़ता है. आग लगने से सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचती है. आग लगने की घटनाओं में कई बार जनहानि भी होती है.  ग्रीष्मकाल में आग लगने की घटनाएं ज्यादा होती हैं, यह जानते हुए भी इससे बचाव के उपायों की ओर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता. आग लगने पर जिना, सार्वजनिक परिसर तथा बाहर निकलने का रास्ता खुला रखना जरूरी होता है. आग लगने पर उसे बुझाने में मुख्य भूमिका किसकी होगी, इस बारे में किसी योग्य व्यक्ति से पहले से ही सलाह लेकर रखनी चाहिए. 

    शॉर्ट सर्किट से आग की अधिक घटनाएं

    आग लगने पर उसे बुझाने के लिए फायर पंप, फायर एक्सटींग्टयुशन जैसे यंत्र ठीक तरह के काम कर रहे हैं या नहीं, इस बारे में पहले से ही जानकारी रखनी चाहिए. गर्मी में आग लगने की वजह क्या-क्या हो सकती हैं, इसके बारे में जानकारी होना भी जरूरी है. गर्मी शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने की घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं. इसलिए सदैव इस बात का ध्यान रखना जरूरी है. 

    इन दिनों में किसी भी यंत्र पर अतिरिक्त बोझ न डाला जाए. क्षमता से ज्यादा उपयोग या फिर लापरवाही के कारण भी गर्मी में आग लगने की घटनाएं बढ़ सकती हैं. इसलिए सावधानी, सतर्कता ग्रीष्मकाल में आग लगने की घटनाओं को कम करने में अहम रोल अदा कर सकती हैं. इसलिए अगर यह कहा जाए कि सतर्कता अग्निकांड की घटनाओं को करने में सहायक साबित होगी,तो इसमें कुछ गलत नहीं होगा. 

    सर्तकता से कम होंगे हादसे

    यवतमाल के सार्वजनिक स्थलों तथा वन क्षेत्रों में आग नहीं लगे इस बारे में अगर सभी सतर्क रहेंगे. आग लगने की घटनाएं कम होंगी और इससे होने वाली सार्वजनिक संपत्ति की क्षति भी नहीं होगी. और इससे होने वाली जन क्षति पर भी अंकुश लगेगा.

    नगर परिषद की फायरबिग्रेड टीम हमेशा तैयार

    शहर सहित आस पास के इलाकों में आगजनी की घटना सामने आने पर नगर परिषद की फायरबिग्रेड की टीम हमेशा तत्पर रहने की जानकारी मुख्याधिकारी माधुरी मडावी ने दी. मुख्याधिकारी ने बताया कि स्थानीय नगर परिषद के पास चार फायरबिग्रेड के वाहन है. सभी वाहन बेहतर स्थिति में है और कहीं पर भी आग लगने की जानकारी मिलते ही फायरबिग्रेड टीम वहां पहुंचकर आग बुझाने का काम करती है. वहीं डीपीडीसी की निधि से नए दो फायरबिग्रेड के वाहन मिल सके इसके लिए जिलाधिकारी के पास प्रस्ताव भी भेजा गया है. जिसके चलते प्रस्ताव मंजूर होने पर नगर परिषद को ओर नए दो फायरबिग्रेड के वाहन मिलेंगे.