फूलों की एक जोड़ी चार सौ से चार हजार तक, फूलों की मांग बढ़ने से कीमतें आसमान छू रही हैं

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    यवतमाल. गणपति का हार लेने जाएं तो अपनी जेब में 1-2 हजार रुपए जेब में रहना जरूरी है. यह वाक्य सुनकर आप हैरान हो सकते हैं. हालांकि, पिछले दो दिनों में फूलों और मालाओं की मांग बढ़ी है और फूलों की मालाओं की कीमतों में तेजी आई है. इसलिए रविवार और सोमवार को यवतमाल बाजार में एक जोड़ी फूलों की माला 400 रुपये से लेकर 4,000 रुपये तक बिकी थी.

    गौरी गणपति का त्यौहार कहा कि सबसे पहली बात जो दिमाग में आती है वह है उनके स्वागत के लिए आवश्यक फूलों की माला. हालांकि इस दौरान फूलों के हार की मांग और फूलों की उपलब्धता में काफी अंतर है, इसलिए फूलों और हार के दाम आसमान छू रहे हैं. इस अवधि के दौरान हर साल फूलों की कीमतों में वृद्धि होती है. लेकिन इस साल गौरी के लिए फूलों की एक जोड़ी, जिसकी कीमत 100 रुपये थी, 400 रुपये में बिक रही थी. इतना ही नहीं फूलों के हार का एक जोड़ा भी चार हजार रुपए प्रति हार के भाव से बाजार में बिक रहा था. बाजार में हार खरीदने वालों के लिए तो यह आम बात है. हार खरीदते समय लोगों को जेब ढीली करनी पड़ी.

    श्रीगणेशजी 10 सितंबर को यवतमाल शहर में घर-घर पहुंचे. उसके बाद गौरी की स्थापना 12 सितंबर को कई लोगों के घरों में हुई थी. इन दोनों त्योहारों ने फूलों की मालाओं की मांग को बढ़ा दिया. शेवंती और गेंदे के फूलों से बने हार की काफी मांग थी. ऐसे में फूलों की माला के दाम में बेतहाशा वृद्धि हो गई. फूलों की माला 400 रुपये से 4000 रुपये के भाव पर बिकी.

    हार की जोड़ी की मांग

    हालांकि शेवंती और गेंदे के फूलों की मांग अधिक है, लेकिन इस साल बड़ी संख्या में हैदराबाद से फूलों की माला बाजार में आई है. उस स्थान पर बनी गुलाब की पंखुड़ियों की माला इस वर्ष व्यावसायिक बिक्री के लिए शहर में लाई गई है. इसेकी मांग भी बढी है. हालांकि कीमतें बहुत अधिक हैं, वे भी अच्छी तरह से बेच रहे हैं. 

    रमेश हातगांवकर, निदेशक महालक्ष्मी फ्लावर्स.