बरसों से जनुनावासी किसान मजदूर कर रहे है पानी में यात्रा

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    • कब जागेंगी सरकार, किसानों का सवाल

    उमरखेड. तहसील के जनुना गांववासी किसान, खेतीहर और विभीन्न काम करनेवाले मजदुरों कों अनेक बरसों सें नाले के पानी में आवाजाही करनी पड रही है.बारिश के मौसम में बारिश के आने के बाद इस नाले में बाढ आने से किसान, मजदूरों को अपनी जान हथेली पर लेकर यहां से गुजरकर यातना सहनी पड रही है.

    गांववासीयों की इस दयनिय हालत के बावजुद प्रशासन और सरकार जनुना गांव के पास स्थित इस नाले पर साधारण पुल का निर्माण नही कर पायी है.अनेक बरसों से किसान,मजदुर महिला पुरुष इस नाले से आवाजाही करते है, बाढ के दौरान उनपर कौनसा संकट आ जाएंगा यह कहा नही जा सकता है, जिससे उमरखेड तहसील के जनप्रतिनिधि विधायक, सांसद और जिलाधिकारी द्वारा इस मुद्दे पर ध्यान देना जरुरी माना जा रहा है.

    प्राप्त जानकारी के मुताबिक जनुना गांव के पास स्थित इस नाले से आवाजाही करने इसपर पुल बनाने की मांग अनेक बार की गयी, लेकिन प्रशासन और सरकार ने इस ओर सकारात्मक कारवाई नही की,तो दुसरी ओर जनप्रतिनिधीयों को भी इस समस्या से जैसे कोई लेना देना नही है, जिससे लाचार होकर किसान, मजदुरों को खेतीहर कामों के लिए नाले के पानी से गुजरकर तकलीफें झेलनी पड रही है.

    प्राप्त जानकारी के मुताबिक जनुना गांव के बाहर यह नाला जंगल से घीरा है, बारिश के दौरान इसमें बाढ आने से बडे बडे पेड उखडकर इसमें बहकर आते है, नाले पर कोई पुल न होने से मजबुरीवश किसानों,मजदुरों  को इसके पानी में उतरकर खेतों में जाने और घर लौटने के अलावा कोई विकल्प नही है, जिससे जिलाधिकारी द्वारा इस ओर ध्यान देकर नाले पर तात्काल पुल बनाकर देने की मांग गांववासी किसान, मजदुरों ने की है.