किसानों को कृषि छात्र द्वारा फसल कवक नियंत्रण के लिए मार्गदर्शन

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    बाभुलगांव. डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय अकोला से संबद्ध मारोतराव वादाफले कृषि महाविद्यालय यवतमाल कृषि छात्र ललीत विनायक ठाकरे ने ग्रामीण और कृषि कार्य अनुभव कार्यक्रम के तहत विरखेड में फसल कवक नियंत्रण के लिए बोर्डो मिश्रण का उपयोग करने के बारे में किसानों को निर्देशित किया. 

    एक  कृषि छात्र ललीत ठाकरे  ने बोर्डो मिश्रण के उपयोग के महत्व पर जोर देते हुए कहा, ‘प्रो. पी. ए. मिलाडेट ने फ्रांस में अंगूर पर केवड़ा रोग को नियंत्रित करने के लिए 1982 में फ्रांस में मोरचुद और चूने के मिश्रण का पहली बार उपयोग किया था. बोर्डो मिश्रण का उपयोग दिल से किया जा रहा है.’ 

    यह सारी गतिविधि रविंद्र पांडे के खेत में संतरे की फसल पर की गई. इस अवसर पर प्रो. डॉ. मारोतराव वादाफले कृषि महाविद्यालय, यवतमाल के प्राध्यापक डा. आर. ए. ठाकरे,  उपप्राचार्य कडू आदि के मार्गदर्शन का लाभ मिला.