Maharashtra Woman duped of over Rs 10 lakh through online fraud
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    • इकरा एज्युकेशन सोसायटी अध्यक्षसमेत मुख्याध्यापक को दोषी ठहराया 

    यवतमाल. फर्जी प्रस्ताव के माध्यम से कसरत स्कूल विकास अनुदान योजना अंतर्गत एकाच वर्ष में दुहेरी 14 लाख रूपये का अनुदान हडप करने का गंभीर मामला दारव्हा तहसील में सामने आया है. जांच समिति ने उक्त मामले में इकरा एज्युकेशन सोसायटी व नॅशनल उर्दू हायस्कुल को दोषी ठहराया है, उसके बाद जिालधिकारी ने क्रीडा अधिकारी को जूर्माना ब्याज के साथ वसुली के आदेश दिए है, इस वजह से हडकंप मचा.

    दारव्हा के इब्राहीम बाबुसेठ सुलेमान इसाणी ने जिला स्तरीय लोकतंत्र दिन में 5 सिंतबर 2022 को शिकायत दाखिल की थी, उसमें व्यायाम स्कूल विकास अनुदान योजना अंतर्गत व्यायाम स्कूल निर्माण के लिए इकरा एज्युकेशन सोसायटी, दारव्हा इस संस्था मार्फत व इस संस्था अंतर्गत संचालित  दारव्हा तहसील के महागाव कसबा की नॅशनल उर्दु हायस्कुल की ओर से ग्राऊड पर पीने के जल की व्यवस्था करने के लिए सैय्यद निसार सैय्यद मुस्तफा ने प्रस्तूत किए दोनों भी प्रस्ताव फर्जी, बनावटी दस्तावेज दाखिल कर सरकार को ठंगने का अरोप  किया गया था. उस पार्श्वभुमी पर जांच करने के लिए जिलाधिकारी ने समिति गठित करने का आदेश दिया था.

    समिति ने जांच रिर्पोट में शिफारस किए के तहत योजना अंतर्गत  मंजूर अनुदान जूर्माना व ब्याज समेत क्यों वसुल ना किया जाए इसकों को लेकर खुलासा करने की सुचना इकरा एज्यूकेशन सोसायटी के अध्यक्ष व नॅशनल उर्दू हायस्कुल के मुख्याध्यापक को दी थी. उसके तहत अध्यक्ष व मुख्याध्यापक ने खुलासा प्रस्तूत किया.

    लेकिन उक्त खुलास अमान्य है, सरकार के मार्गदर्शक सुचना के तहत 14 लाख जुर्माना ब्याज समेत वसुल करने की कार्यवाही की जाए ऐसा आदेश जिलाधिकारी तथा जिला नियोजन समिति सचिव जिलाधिकारी अमोल येडगे ने जिला क्रीडा अधिकारी  को दिए है. वसुली की राशि सरकारी खाते में जमा की जाए साथ ही इसमें कोई देरी ना हो इसका ख्याल रखने का आदेश भी दिया गया है.

    फर्जी प्रस्ताव पर अनुदान मंजूर कैसे?

    एक ही व्यक्ती ने दो विविध पद नाम से अलग अलग तरह की स्वाक्ष्ररी करना, अनुदानित स्कूल का मुख्याध्यापक थे तब व्यवसाय कॉलम के आगे मजदुरी व अन्य व्यवसाय लिखकर प्रतिज्ञापत्र में फर्जी कथन करना, दोनों प्रस्ताव में अलग अलग सचिव दिखाना, आठ माह के अंतराल में किए प्रतिज्ञापत्र में उम्र की तफावत करना आदि गलत मामले कर फर्जी व  बनावट दस्तावेज तैयार किए गए.

    आश्चर्यकारक बात यह की यह सभी दस्तावेज जांच ना करते हुए  प्रस्ताव नियोजन विभाग के पास भेजकर अनुदान मंजूर कर लिया. तत्कालीन क्रीडा अधिकारी ने अनदेखी की. उनकी खातेनिहायी जांच की जाए ऐसी मांग जिलाधिकारी समेत क्रीडा उपसंचालक के पास बाबुसेठ इसाणी ने की है.