Corona wave again in Brazil, 4,195 people died in a day
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    वणी. कोरोना से संक्रमित मरीजो की संख्या तेजी से बढ रही है. अधिकांश मरीजो मे हल्के लक्षण है. ऐसे मरीज चार दिनो मे ठीक हो जाते है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञो ने नागरिको को आगाह करते हुए कहा है कि लक्षण भले ही हल्के हो लेकिन उनकी अनदेखी नही की जानी चाहिए. अन्यथा हल्के लक्षण , गंभीर लक्षणो मे तब्दील हो सकते है, जो संक्रमितो के लिए घातक है.

    इसलिए परिवार के किसी भी सदस्य को बुखार , सर्दी _खांसी जैसे हल्के लक्षण होने पर भी तुरंत जांच और इलाज कराया जाना चाहिए.पिछले कुछ दिनो मे कोविड का संक्रमण तेजी से बढा है. एक्टिव कोरोना मरीजो की संख्या पंद्रह सौ के बार हो चुकी है.

    विशेषज्ञो के अनुसार अधिकांश मरीजो के लक्षण सौम्य है लेकिन नागरिको को कोविड से बचने के लिए जरूरी उपाय अपनाने चाहिए. कोविड संक्रमण तेजी से फैल रहा है. सर्दी-खांसी , बुखार के मरीजो की संख्या भी बढ रही है. ऐसे मे शीघ्र इलाज न कराए जाने की स्थिति मे मरीजो को निमोनिया हो सकता है. फेफडे मे संक्रमण होने पर मरीज की स्थिति चिंताजनक हो सकती है. इसलिए समय रहते जांच और इलाज जरूरी है. 

    ये लक्षण हो तो जांच कराए

    स्वास्थ्य विशेषज्ञो के अनुसार मरीजो को शुरू मे शरीर मे दर्द , ठंड लगना और बुखार जैसे लक्षणो का अनुभव होता है. इसके बाद सर्दी और खांसी होती हे. कुछ रोगियो को सूखी खांसी होती है. जबकि अन्य को कफ के साथ खांसी होती है. इन लक्षणो वाले मरीजो की शीघ्र कोविड जांच करानी चाहिए. 

    इन दवाओ का होता है इस्तेमाल

    मौजूदा संक्रमण काल मे यदि मरीज को बुखार है तो डॉक्टर बुखार की दवा के साथ_साथ एंटीबायोटिक्स भी लिखता है. बुखार के साथ-साथ सर्दी -खांसी होने पर सर्दी -खांसी की दवा के साथ-साथ एंटीबायोटिक्स भी दी जाती है. डॉक्टर की सलाह पर ली गई दवाओ से मरीज तीन से चार दिन मे ठीक हो जाता है. 

    गले तक पहुंचता है वायरस

    हल्के कोरोना लक्षण वाले मरीजो मे कोरोना वायरस ऊपरी श्वसन पथ पर हमला करता है. इसलिए उनमे कोरोना के हल्के लक्षण होते है. यदि कोरोना वायरस ऐसे मरीजो के फेफडो तक नही पहुंचता है, तो उन्हे ज्यादा खतरा नही है. फेफडे मे संक्रमण होने पर स्थिति चिंताजनक हो सकती है.