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    • कोम्बिग ऑपरेशन हुआ जरुरी

    यवतमाल. यवतमाल जिले में अपराधिक गतिविधियां और गैंगवार का पुराना ईतिहास रहा है.लेकिन जिले और यवतमाल शहर में गैंगवार और पुर्वरंजीशों के चलते हो रही वारदातों में अब चाकु, तलवारों के स्थान पर वारदातों को अंजाम देते समय देशी कटटे, रिव्हॉल्वर और पिस्तौल का ईस्तेमाल होना कानुन व्यवस्था के लिए एक चुनौती बन चुका है.

    उल्लेखनिय है की,अपराधिक गतिविधियों वाले लोगों द्वारा गृहविभाग से अग्नीशस्त्रों का लाईसेंस मिलना टेढी खीर है, जबकी इसके लाईसेंस जारी करने के पुर्व और क्राईम रिकॉर्ड जांच पडताल करने के बाद ही प्रशासन आवेदनकर्ता को स्वसुरक्षा के लिए स्थानिय प्रशासन और गृहविभाग बाकायदा लाईसेंस जारी करता है, लेकिन जिले में अपराधिक गतिविधीयों में लिप्त लोगों द्वारा देशी कटटे, रिव्हॉल्वर और देशी तमंचों के वारदातों में धडल्ले से ईस्तेमाल को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के लिए यह चिंता का सबब हो चुका है.

    जिले में अनेक वारदातों में देशी कटटे, रिव्हॉल्वर के ईस्तेमाल  करते हुए शहर में गैंगवार से जुडे लोगों पर फायरिंग कर हत्या, पिस्तौल, रिव्हॉल्वर से जानलेवा हमलों की अनेक वारदातें हो चुकी है. बिते डेढ साल में एैसी घटनाओं का ग्राफ बढा है,बिते वर्ष एसबीआय चौक पर अक्षय राठोड गिरोह से जुडे लोगों द्वारा करण परोपटे पर गोलीयां दागकर हत्या और हाल ही में कृषी उपज बाजार मंडी के संचालक सुनिल डिवरे की गोली मारकर हत्या,इससे पहले जनवरी माह में उमरखेड में डा.हनुमंत धर्मकारे की फायरींग कर हत्या की वारदात हो चुकी है. इनमें अग्नीशस्त्रों का प्रशासन के लिए अपराधीयों द्वारा प्रशासन को दी जा रही एक तरह से चुनौती माना जा रहा है.

    उल्लेखनिय है की यवतमाल शहर और जिले के विभीन्न ठिकानों पर चुनावों,त्यौहारों के पुर्व और दौरान में अनुचित घटनाएं टालने और कानून व्यवस्था बरकरार रखने और अपराधीयों पर पुलिस का वर्चस्व बना रहें उनमें कानून का खौफ हों, वारदातों में कमी आए, इसके लिए बडे पैमाने पर पुलिस थानों के विभीन्न समुह अधिकारीयों के नेतृत्व में एक ही समय कोम्बींग ऑपरेशन चलाकर अपराधीयों के ठिकानों पर दस्तक देते थे.

    गुप्त तौर पर और अपने नेटवर्क का ईस्तेमाल कर पुलिस जानकारी जुटाकर इसमें कारवाई करती है, इस दौरान वान्टेड आरोपीयों को धर दबोचने के साथ ही अवैध हथियारों की तलाशी की गतिविधीयां होती है,बिते लंबे अरसे से व्यापक तौर पर एैसे कोम्बींग ऑपरेशन नही चल पाए, यदी यह श्रृंखला लगातार चलायी जाती है, तो जिले में अपराधिक गतिविधियों में रोकथाम समेत अग्नीशस्त्र, अवैध हथियारों का ईस्तेमाल करनेवाले तत्वों को कानूनी शिकंजे में लिया जा सकता है, एैसी राय प्रशासन में क्राईम का अध्ययन और रोकथाम के लिए उपाय करनेवाले एक्सपर्ट अधिकारी जता रहे है.

    पुलिस सुत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इससे पुर्व वारदातों में पकडे गए या पुलिस कारवाई में बरामद हुए अवैध अग्नीशस्त्रों में अनेक बार यह अवैध हथियार मध्यप्रदेश से आते है,स्थानिय पुलिस को पिछली कुछ घटनाओं में इससे जुडी जानकारीयां भी मिली, जिससे पुलिस पहले ही इस दिशा में जांच में जुटी हुई है.

    जिला पुलिस अधिक्षक डा.दिलीप पाटील भुजबल ने भी इससे पुर्व इस तरह के अवैध अग्नीशस्त्र मध्यप्रदेश से आने और इसके लिए अपराधियों का नेटवर्क होने की जानकारी प्रसार माध्यमों को दी थी. एैसे में अब पुलिस इन अवैध हथियारों की रोकथाम और इससे जुडे लोगों के खिलाफ सख्त कारवाई करें, एैसी अपेक्षा बढती वारदातों के बाद सभी स्तरों पर जतायी जा रही है.

    एन्टी गैंगसेल सक्रिय न होने से बढी गतिविधीयां

    बता दें की यवतमाल शहर में कुछ सालों से विभीन्न अपरााधिक गैंग सक्रिय है,जिसका पुरा ट्रैक रिकॉर्ड पुलिस प्रशासन के पास मौजुद है.एैसे तत्व अब गैंगवार की बजाय विभीन्न अवैध धंदों में लिप्त हो चुके है, एैसे लोगों द्वारा गैंग बनाकर अपने समुह में युवकों को रखते है,इससे पहले यवतमाल शहर में संगठीत अपराधों पर नकेल कसने और भाईगिरी में अपना वर्चस्व और इसके चलते होनेवाली वारदातों को देखते हुए लगभग 10 बरसों से अधिक समय से प्रमुख तौर पर एन्टी गैंगसेल का गठन किया गया था.

    यवतमाल शहर में पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारीयों के मार्गदर्शन में ईसका तगडा नेटवर्क होने से संगठीत अपराधों और गैंगवार पर बडे हद तक नकेल कसी गयी थी.लेकिन बिते कुछ समय से एन्टी गैंगसेल उतना कारगर नही दिख रहा है, हालांकी यह सेल संगठीत समुह पर ध्यान रखने था, लेकिन जिले में बडे हद तक वारदातों में अग्नीशस्त्रों का ईस्तेमाल हो रहा है, जिससे सेल को पुरी तरह सक्रिय करने की जरुरत जतायी जा रही है.

    अवैध अग्नीशस्त्र रखनेवालों पर होंगी कडी कारवाई

    अनेक वारदातों में अग्नीशस्त्रों के इस्तेमाल के बाद पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी कडे तेवर में दिख रहे है. हाल ही में यवतमाल के भांबराजा में हुई हत्या की वारदात के बाद अमरावती परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक चंद्रकात मिना ने जिले के पुलिस अफसरों सें व्यापक तौर पर एैसे मामलें की जानकारी ली. इसी बीच उन्होनें जिले में और यवतमाल शहर में अवैध अग्नीशस्त्र, शस्त्र रखनेवालों का तात्काल सुराग लगाने और व्यापक तौर पर कारवाई के लिए सर्च ऑपरेशन चलाने के निर्देश दिए है.

    बता दें की जिलाप्रशासन और गृहविभाग जिले में आवेदन के आधार पर स्वसुरक्षा के लिए अग्नीशस्त्र रखने के लिए लाईसेंस प्रदान करता है, लेकिन बिते दो सालों में गृह विभाग ने बडे पैमाने पर विभीन्न कारणों सें लाईसेंसी हथियार की मांग के आवेदनों को खारीज किया है, हाल ही में जिलाधिकारी अमोल येडगे ने गृहविभाग द्वारा पेश किए गए अग्नीशस्त्र रखने के अनेक आवेदनों कों खारीज किया है.

    इसके अलावा इससे जुडे अनेक आवेदन अभी गृहविभाग के पास है, जिन्हे अभी जिलाधिकारी को पेश नही किया गया है. एैसे में जिले में अवैध अग्नीशस्त्रों का ईस्तेमाल पुलिस और जिला प्रशासन के सामने भी एक चुनौती है, जिसपर व्यापक उपाययोजना करना जरुरी माना जा रहा है.