जिले में जुन-जुलाई में हो सकते है पालिका, जिप.पंस. के चुनाव, चुनाव आयोग ने दिखाई चुनाव लेने की तैयारी

    Loading

    यवतमाल. कोरोना महामारी के कारण सार्वजिनक तौर पर लगे प्रतिबंध और इसके बाद प्रशासनिक, और आरक्षण के मुददे के कारण राज्यभर में स्थानिय स्वराज संस्थाओं के आमचुनावों को लेकर अब तक गतिरोध जारी है, लेकिन राज्य चुनाव आयोग ने विभीन्न मुददों को हल किए जाने से अब चुनाव की तैयारी दर्शायी है, जिससे लंबे समय से टल रहे यवतमाल जिले के स्थानिय नगरनिकाय चुनाव आगामी जुन और जुलाई माह तक होने का अनुमान जताया जा रहा है.

    फिलहाल जिले की 8 नगरपालिकाओं, जिलापरिषद, 16 पंचायत समितीयों के चुनाव लंबे समय से टले है, जिनके चुनावी कार्यक्रम पर सभी दलों की निगाहें है. एैसे में हाल ही में राज्य चुनाव आयोग द्वारा स्थानिय स्वराज संस्थाओं के चुनावों में लिए आयोग तैयार है, एैसा शपथपत्र आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय में दायर किया,इसमें आगामी जुनṁ-जुलाई माह में स्थानिय निकायों के आमचुनाव पुरे करने के लिए आयोग की यंत्रणा तैयार होने की जानकारी आयोग ने दी है.

    इस शपथपत्र में आयोग ने कहा है की 17 से 11 जुलाई के दौरान चुनाव लेना संभव है.इस मामलें में अब 4 मई को सर्वोच्च न्यायालय सुनवाई होंगी.जिससे जिले के स्थानिय स्वराज संस्थाओं के चुनावों की संभावनाएं अब प्रबल होती दिख रही है.हालांकी स्थानिय चुनाव विभाग द्वारा आयोग के निर्देशों के बाद ही चुनावी नियोजन और कार्यक्रम घोषित होंगे.एैसी भूमिका लेकर उच्चस्तर पर चुनावों को लेकर जारी कारवाई पर मौन साधे रखा है.

    उल्लेखनिय है की आयोग के निर्देशों पर यवतमाल जिले में स्थानिय निकायों के चुनावों से पुर्व नई प्रभाग रचना पुरी कर हरकतें और दावे बुलाकर अंतीम कारवाई शुरु की गयी थी, लेकिन जिप.और पंस.की नई प्रभाग रचना पर धीरे धीरे कारवाई हो रही थी.लेकिन कुछ दिनों पुर्व ही राज्य सरकार ने 11 मार्च को कानून बनाकर प्रभाग रचना के  निर्णय का अधिकार हासिल कर लिया, जिससे अब जिले में आमचुनावों के पहले नए सिरे से प्रभाग रचना की घोषणा अब राज्य सरकार की देखरेख में होंगी.

    हालांकी ओबीसी के 27 फिसद राजनितीक आरक्षण पर सरकार ने अभी अपनी भूमिका साफ नही की है.जिससे अब भी आमचुनावों को लेकर राज्य सरकार के कारण ही संभ्रम बना हुआ है.लेकिन चुनाव आयोग अब चुनावों को लेने जो शपथपत्र दायर किया है,उसमें चुनाव लेने की तैयारी दर्शायी है,जिसपर सर्वोच्च न्यायालय ने अगली सुनवाई करते समय सरकार और आयोग यदी चुनाव आगे बढाने कोई आग्रह होता है तो उसे मंजुर नही किया जाएंगा,जिससे राज्य में आगामी जुन से जुलाई माह में स्थानिय निकायों के चुनावों की संभावना बनी है.