लागत मूल्य भी निकालना हुआ मुश्किल, किसानों में चिंता, मेथी बन रही पशुओं का खाद्य

    Loading

    • बाजार में दाम नही मिलने से किसानों की मेंथी बन रही पशुओं का खाद्य 

    यवतमाल. अपने सब्जियों को अच्छा दाम नही मिलने की वजह से किसान परेशान है, ऐसे में उमरखेड तहसील के पिरंजी गांव के किसानों ने मेंथी सब्जी को दाम नही मिलने की वजह से वह मेंथी की सब्जी पशुओं के लिए खाद्य के रूप में उपयोग कर रहे है. बाजार में सब्जियों को दाम नही मिलने की वजह से किसान परेशान हुआ है. संबंधित विभाग ने लक्ष देने की मांग किसानों की ओर से की जा रही है.

    उमरखेड तहसील का पिरंजी ग्राम सब्जी के लिए प्रसिद्ध है, यहा के लगभग सभी किसान सब्जी की खेती करते है. इस वर्ष खरीफ मौसम में ज्यादा पैमाने  हुए नुकसान को निकालने के लिए सब्जी की बुआई की थी, लेकिन बदरिला मौसम व अन्य कारणों की वजह से सब्जी के दाम बाजार में कम हुए. जिसके चलते किसानों को अपना माल बाजार में लेकर जाने के लिए असंभव हुआ. किसान जब सब्जी बाजार में लेकर गए ऑटो का किराया भी निकाला मुश्किल हो गया है. बाजार में सब्जियों की दाम गिरने की वजह से किसानों को अर्थिंक नुकसान समेत मानसिक परेशानियों का सामना करना  पड रहा है.

     

    2 क्विंटल को मिल रहा है 400 रूपये दाम 

    तहसील के सब्जी मार्केट सब्जी को दाम कम मिल रहा है,   मेंथी की सब्जी को बाजार में 2 क्विंटल को केवल 400 रूपये दाम मिला है, जो की सब्जी लेकर गए ऑटो का किराया भी निकला मुश्किल हो गया है.

    मैने इस वर्ष अपने अधे एकड के खेती में सब्जी की फसल बुआई की थी, इस वर्ष अच्छे दाम मिलने की संभवनाए थी लेकिन पिछले साप्ताह भर से बदरिला मौसम होने की वजह से मार्केट में सब्जी के दाम आचानक गीर गए जिसके चलते इस वर्ष लागत मुल्य भी निकला मुश्किल हो गया है.

    विश्वनाथ भाऊराव डवरे (पिरंजी ग्राम- उमरखेड तहसील)

    इस वर्ष खरीफ मौसम में कपास समेत अन्य फसल की बडे पैमाने पर नुकसान हुआ, इस नुकसान को निकालने के लिए रब्बी मौसम में सब्जियो का सहारा लिया, लेकिन मार्केट के दाम आचानक गीरने की वजह से दोबारा अर्थिक संकट का सामना करना पड रहा है.

    बापूराव नारायण पोटे (किसान- ग्राम पिरंजी)

    खरीप मौसम हाथ से जाने के बाद अब पुरी मदार रब्बी मौसम के फसलों पर थी, लेकिन पिछले साप्ताहभर से बदरिला मौसम बनने की वजह से सब्जियों पर इल्लियों का संक्रमण बढा, इस वजह से हमने दवाईया का छिडकाव किया, इस दवाईया में बडे पैमाने पर नुकसान हुआ. साथ ही सब्जियों को बाजार में लेकर जाने के बाद भी दाम कम मिल रहा है, इस वजह से हमने सब्जियों को अपने पशुओं का खाद्य बनाया.

    प्रमेश्वर मारोती मेंडके (किसान ग्राम पिरंजी)