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    यवतमाल. जिले में गत माह हुई अतिवृष्टि के कारण खेत की खड़ी फसल का भारी नुकसान हुआ. सरकार से इसके लिए किसानों को शीघ्र मुआवजा देने की मांग जोर पकड़ रही है. इसके लिए किसान संगठनों की ओर से मुख्यमंत्री  से गुहार लगाई जा रही है. 

    सभी किसान संगठनों ने फसल का नुकसान होने से क्षतिपूर्ति शीघ्र देने की मांग की है. विविध राजनीतिक दलों ने किसानों के प्रति संवदेना व्यक्त की है, लेकिन यह संवेदना मात्र औपचारिक साबित नहीं हो, सभी अतिवृष्टि प्रभावित किसानों की मदद के लिए ठोस प्रयासों की उम्मीद है. जिला प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार मदद दी जाने वाली है, पर नुकसान के मुकाबले बाधित क्षेत्र की संख्या कम दिखाने की शिकायत है. साथ ही सरकारी नियमों में बाधा, क्षतिपूर्ति राशि काम होने से नाराजी है. इस वर्ष जिले में 115 फीसदी बारिश हुई. उचित मुआवजे की किसानों को आवश्यकता है.

    जिले में इस वर्ष 1012 मिमी बारिश हुई है. चार माह में एक जैसी बारिश हुई. जुलाई तथा अगस्त में फसल के साथ खेती की जमीन का भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. उससे अभी संभले भी नहीं कि सितंबर में फिर अतिवृष्टि हुई. ऐसे में सोयाबीन की फसल निकालने में किसानों को नाको चने चबाने पड़े. जरूरत से अधिक वर्षा से कपास की हालत गंभीर है. उस पर रोगों का प्रकोप है. बोंड सड़ गए हैं, कपास के साथ अन्य फसल तुअर ज्वार, उड़द तथा फल बागान, सब्जी की भी हालत खराब है. 

    जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

    किसान संगठन के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी से मिलकर सरकार से उचित मुआवजे दिलाने के लिए चर्चा कर उन्हें मांगों का ज्ञापन सौपा. किसानों को शीघ्र सहायता उपलब्ध कराने की मांग जिलाधिकारी से की. इस अवसर पर विभिन्न किसान संगठन के पदाधिकारी तथा कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे.