
यवतमाल. साहुकारी अधिनियम 2014 मंजूर होने के बाद खास रूप से यवतमाल जिले समेत राज्य में अनेक किसानों को साहूकार ग्रस्त किसान संघर्ष समिति के प्रयास से जमीन वापीस मिल रही है, ऐसे में 31 जनवरी को कलंब तहसील के मावलनी निवासी वाल्मीक काटे व नाना काटे इन दो किसानों को 7 एकड खेती सरकारी अधिकारी के उपस्थित वापीस मिली है.
मिली जानकारी के अनुसार, कलंब तहीसल के मावलणी निवासी जितेंद्र कवरीलाल कोठारी इस साहूकार ने वर्ष 2001 में अवैध साहूकारी अंतर्गत वाल्मिक काटे की 3 एकड व नाना काटे की 4 एकड जमीन खरेदी की थी, कर्ज की मुल राशि व ब्याज जमा करने के बाद भी साहूकार जितेंद्र कोठारी जमीन वापीस नही कर रहा था. इस वजह से नए सहूकारी अधिनियम अस्तित्व में आने के बाद उक्त कानून के तहत यह मामला जिला उपनिबंधक व अमरावती विभागीय निबंध कार्यालय में चला. इस कानून के तहत जमीन वापीस देने का आदेश देने की वजह से 31 जनवरी को मुल मालिक यानी काटे को जमीन वापीस की गई.
मावलणी गाव में आज तक तीन किसानों को कूल 18 एकड जमीन वापीस मिली है,. राज्य स्तर पर साहूकार पीडीत किसानों को मदद करनेवाली यंत्रणा विधायक विद्याताई चव्हाण के नेतृत्व में काम कर रही है, पूरे राज्य में विधायक विद्याताई ने निकाले दौरे व ली गई समीक्षा बैठक की वजह से जमीन वापीस मिलना शुरू हुआ है. यवतमाल जिला स्तर पर प्रा. घनश्याम दरणे ने नए साहूकारी अधिनियम होना चाहिए साथ ही जिले समेत राज्य में जमीन को लेकर शिकायत पर कार्यवाही होनी चाहिए.
जमिन का ताबा किसानों देते समय सरकारी अधिकारी डोंगरे, ताजणे, कुदुसे, बांते, गाडे, मंडल अधिकारी राणे, पटवारी बेले, व पूलिस कर्मचारी उपस्थित थे, साथ ही इस समय काटे बंधू ने कहा कि, यह कानून करने के लिए स्व. गृहमंत्री आर .आर. पाटील ने विशेष प्रयास किया है, विधायक विद्याताई चव्हाण के साथ काम करनेवाले प्रा. घनश्याम दरणे के सहकार्य के बैगर यह संभव नही था.