संपत्ति खरीद, बिक्री, हस्तांतरण पर पालिका वसूल रही है 1 फिसद टैक्स

    Loading

    यवतमाल. दिन-ब-दिन बढ़ती महंगाई के बीच आम आदमी के लिए एक ओर घर बनाने का सपना धूमिल हो रहा है,तो दूसरी ओर सरकारी निर्देशों के बाद नगर पालिका ने संपत्ती खरीदी, बिक्री और हस्तांतरण पर 1 फिसद टैक्स वसुलने के फैसले पर अमल करना शुरु कर दिया है.

    संपत्ति खरीदी बिक्री प्रक्रिया के दौरान नगरपालिका ने खरीदी बिक्री की राशि में 1 फीसद टैक्स वसूली करने का प्रस्ताव पारित किया है,इन दिनों शहर के इलाके में अचल संपत्ति के दाम बढ़ चुके हैं,तो दूसरी ओर नगरपालिका ने संपत्ति खरीदी बिक्री के व्यवहार में अब एक फिसद शुल्क वसूलने के निर्णय पर अमल करने से आम नागरिकों को आर्थिक झटका लग रहा है.

    इसे अतिरिक्त शुल्क वसुली के तौर पर देखा जा रहा है.इसके अलावा नगर पालिका द्वारा संपत्ति टैक्स वसूली से पहले दुबारा संपत्ति का पुनर्मूल्यांकन किया जा रहा है,इसके लिए नगर पालिका ने कार्य शुरू किया है, इसके बाद टैक्स का फिसद बढाने का फैसला लिय जा सकता है, एैसी जानकारी पालिका के सुत्रो ने दी, इसके कारण बडा आर्थिक भार नागरिकों नागरिकों पर पड सकता है.

    बता दें की संपत्ती खरीदी, बिक्री, हस्तांतरण पर शुल्क वसुली के लिए नगर पालिका के प्रशासक और मुख्य अधिकारी माधुरी मडावी ने यह यह फैसला लिया है,हालांकि इस फैसले का नगरसेवक कोई विरोध नहीं दर्शाया है, जिससे  क्या शहर के जनप्रतिनिधियों को शहर की जनता से कोई लेना देना नहीं है ऐसा सवाल आम नागरिकों द्वारा किया जा रहा है.हालांकि नगर पालिका ने संपत्ति टैक्स में कोई बढत करने और संपत्ति के हस्तांतरण में शुल्क बढ़ाने के फैसले पर अभी अमल नहीं किया है,एैसा दावा किया जा रहा है.

    प्राप्त जानकारी के मुताबिक इसी साल की शुरुआत में प्रशासक और मुख्याधिकारी माधुरी मडावी की अध्यक्षता में हुई सभा में पालिका ने यह फैसला लिया, जिसके बाद 1 अप्रैल से इस पर अमल करना शुरू कर दिया है,यह बेवजह कर लादे जाने से आम नागरिकों को प्लॉट लेने से लेकर घर बनाने तक आर्थिक तौर पर बोझ उठाना पड़ रहा है,एैसी शिकायतें संपत्ती खरीदी बिक्री करनेवाले लोगों द्वार की जा रही है.बताया जाता है कि संपत्ति के संबंध में नगर पालिका के पास कोई पंजीयन ना करते हुए संपत्ति की खरीद के बिक्री के मामले में टैक्स देना पड़ रहा है.

    इसी बीच इस पूरे मामले को लेकर जिलाधिकारी के पास शिकायत की गई है. इसमें नगर पालिका द्वारा संपत्ति की खरीदी बिक्री पर एक फिसद टैक्स वसूलने पर जनता के लिए कोई विचार नहीं किया गया है. एैसी शिकायत करते हुए जिलाधिकारी इस बारे में उचित फैसला लेकर कार्रवाई करे,ऐसी मांग राकांपा के जिला उपाध्यक्ष सतीश भोयर ने की है.