630 क्यूआर कोड से पुलिस का काम हुआ आसान, गश्ती पुलिस टीम तुरंत पहुंच रही घटनास्थल पर

    Loading

    • जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. दिलीप पाटील भुजबल की पहल
    • साल 2022 में पुलिस महकमा ओर ज्यादा होगा एक्टिव

    रविश वाघ@यवतमाल,ब्यूरो. पुलिस विभाग के कामकाज में अब पूरी तरह से सुधार देखने को मिल रहा है. जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. दिलीप पाटील भुजबल ने जब से यवतमाल जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय की कमान संभाली है. तब से लेकर आज तक पुलिस अधीक्षक ने पुलिस महकमे में अनेक सुधार लाने के प्रयास किए है. यहीं वजह है कि इस वर्ष 2022 में जिला पुलिस महकमे ओर ज्यादा एक्टिव होगा. वहीं अपराधियों पर भी पूरी तरह से नकेल कसी जा सकेगी.

    विशेष बात यह है कि,यवतमाल शहर सहित जिले में क्राइम की घटनाएं तेजी से बढ़ी है. इनमें जनवरी, फरवरी और मार्च माह में मामूली विवादों को लेकर सर्वाधिक हत्या की घटनाएं सामने आयी है. इतना ही नहीं तो घरों में सेंधमारी, डकैती, लूटपाट, ऑनलाईन फ्रॉड, चेन स्नेचिंग, मारपीट की घटनाएं भी अक्सर सामने आती रहती है. जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. दिलीप पाटील भुजबल ने जिले की कमान संभालते ही क्राईम की घटनाओं में कुछ हद तक लगाम कसने में पुलिस विभाग को सफलता मिली है. बावजूद इसके पुलिस अधीक्षक डॉ. दिलीप पाटील भुजबल ने पुलिस महकमे को ओर ज्यादा एक्टिव करने का संकल्प लिया है. इसी कड़ी में जिला पुलिस अधीक्षक की पहल पर जिलेभर में अलग अलग जगहों पर 630 क्यूआर कोड लगाए गए है. जिसे सरल शब्दों में क्विक रिस्पांस कोड भी कहा जाता है. यह क्यूआर कोड पुलिस थानों के अलावा पेट्रोल पंप, होटलों, ढाबों, एटीएम, सराफा दुकानों आदि महत्वपूर्ण जगहों पर लगाए गए है. इन परिसरों में ही ज्यादातर लूटपाट, चोरी चकारी की घटनाएं सामने आती है. वहीं इन परिसरों से ही पुलिस का वाहन गश्त लगाता है. यदि इन क्षेत्रों में कोई भी घटना घटित होती है तो क्यूआर कोड के माध्यम से पुलिस की गश्ती टीम तुरंत घटनास्थल पहुंचेगी और आपदा में फंसे व्यक्ति को मदद दिलाने का काम करेगी. यह सभी क्यूआर कोड सायबर सेल के जरिए मॉनिटाइज किए जाएंगे. क्यूआर कोड की यह पहल आम जनों के लिए सुविधाजनक साबित होगी. एसपी भुजबल ने बताया कि आगामी वर्ष में दोषसिद्धि का प्रमाण बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा. इसके अलावा ट्रायपल्स योजना का भी विस्तार किया जाएगा.