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    यवतमाल. बिते 48 घंटों में यवतमाल जिले में हुई मुसलाधार बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इसी बीच जिले के 11 राजस्व मंडलों में अतिवृष्टी दर्ज की गयी. इस बारीश के कारण जिलें में खरीफ की फसल को काफी नुकसान पहूंचने का अनुमान जताया जा रहा है. बता दें की बिते माह भी यवतमाल जिले में भारी अतिवृष्टी और नदीयों में आयी.

    बाढ के कारण लगभग सवा 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की खरीफ फसल को नुकसान पहूंचा, जिससे प्रशासनिक स्तर पर फसलों के नुकसान का सर्वे और पंचनामा कारवाई जारी थी. इसके बाद बिते शनिवार,रविवार, समेत सोमवार 8 और मंगलवार 9 अगस्त को जिले के सभी तहसीलों में जोरदार बारिश हुई.

    इस दौरान पिछले 48 घंटों में जिले के यवतमाल,आर्णी नेर और पुसद इन तहसीलों में कुल 11 राजस्व मंडलों में 65 मिलीमिटर से अधिक बारिश होने के बाद यहां पर अतिवृष्टी से फसलों को भारी नुकसान का प्राथमिक अनुमान जताया जा रहा है.

    बिते 24 घंटों में 9 अगस्त की सुबह तक यवतमाल तहसील के राजस्व मंडल में आनेवाले हिवरी में 73.25 मिमी.अर्जुना में 73.25 मिमी., अकोला बाजार परिसर में 80मिमी., कोलंबी में 80 मिमी. और लोहारा में 73.25मिमी. बारिश दर्ज की गयी. जबकी आर्णी तहसील के हिवरी और जवला राजस्व मंडल में क्रमश 93.75 मिमी. और नेर राजस्व मंडल में 66.50 मिमी.बारिश दर्ज हुई.जबकी पुसद राजस्व मंडल में खंडाला में 76.50,ब्राम्हणगांव और जांब बाजार राजस्व मंडल में 88 मिलीमिटर बारिश दर्ज की गयी.

    प्राप्त जानकारी के मुताबिक इन ईलाकों में इस सप्ताह अतिवृष्टी के कारण खेतों की जमिन और फसल को काफी नुकसान पहूंचा है. राजस्व मंडलों में अतिवृष्टी दर्ज होने के बाद इन मंडलों समेत बिते माह में जिले के उमरखेड, रालेगांव, मारेगांव, वणी, बाभुलगांव,यवतमाल समेत अधिकांश तहसीलों में  गिले अकाल की स्थिती बन चुकी है. भारी बारिश से फसलों को नुकसान होने से किसानों में भी चिंता छायी हुई है. इसी बीच बिते कुछ घंटों में हुई अतिवृष्टी को देखते हुए राजस्व मंडल निहाय फसल नुकसान के लिए प्रशासन द्वारा सर्वे कार्य शुरु किया था.