Sand Ghat, Sand Mining
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    • तहसीलदार की नरो वा कुंजरोवा जैसी भुमिका
    • मंडल अधिकारी, पटवारी, कोतवाल मंडली समेत रेत तस्करों की चांदी

    उमरखेड. तहसील से बहनेवाली पैनगंगा नदी पात्र के रेती घाटों में धडल्ले से रेत की अवैध खुदाई और ढुलाई की जा रही है, राजस्व विभाग की नजरअंदाजी के कारण इन दिनों रेत तस्करों की चांदी हो रही है.उल्लेखनिय है की जिला प्रशासन ने तहसील के हातला,उंचवडद इन दो रेतीघाटों की ही निलामी की है, इनमें एक में अजस्त्र यंत्रों के जरीए रेत का उत्खनन कर ढुलाई की जा रही थी.

    जिससे उंचवडद रेतीघाट को प्रशासन ने अगले आदेश तक निलंबित कर रेतघाट में उत्खनन बंद कर दिया है, लेकिन किसी तरह की निलामी न होने के बावजुद तहसील के पैनगंगा नदी के माणकेश्वर रेती घाट से बिते चार माह से हर दिन और रात में रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है.पांच से छह ट्रैक्टरों के जरीए रेत की ढुलाई कर आसपास के गांवों में इसकी बिक्री की जा रही है, इसकी शिकायतें होने पर भी स्थानिय राजस्व प्रशासन द्वारा रेत तस्करों पर कोई कारवाई न होने से आश्चर्य जताया जा रहा है.

    पिछले चार महिनों से इन ट्रैक्टरों के मालिक मानकेश्वर रेतीघाट से हर दिन हजारों ब्रास रेत का उत्खनन कर आसपास के गांवों में निर्माणकार्य करनेवाले लोगों को अवैध तौर पर रेत बेंच रहे है, लेकिन स्थानिय कोतवाल से लेकर पटवारी, मंडल अधिकारी से रेततस्करों से अच्छे संवाद होने से रेततस्करी के संबंध में नागरिकों की शिकायत पर कोई दखल नही ली जा रही है, सतत शिकायतें होने पर भी राजस्व प्रशासन के लोग जानबुझकर रेत घाट पर प्रत्यक्ष जाकर और नदी पात्र में जारी अवैध उत्खनन का निरीक्षण नही कर रहे है.

    स्थानिय राजस्व अधिकारीयों को राजस्व बचाने के लिए समय न होने से रेती तस्करों द्वारा हर दिन सरकार के लाखों रुपयों के राजस्व को चुना लगाया जा रहा है.माणकेश्वर रेती घाट में हर दिन हो रहे अवैध रेत उत्खनन के बारे में रेत माफीयां के साथ कोई आर्थिक सांठगांठ न रखते हुए स्वच्छ प्रतिमा रखनेवाले उमरखेड के तहसिलदार आनंद देऊलगांवकर को बार बार सुचना देकर भी उनके द्वारा रेती तस्करी के संबंध में कोई कारवाई नही हो रही है.

    जिससे तहसीलदार की भूमिका एक प्रकार से नरो वा कुंजरो वा जैसी हो चुकी है, जिससे आखिरकार पानी कहां झर रहा है, इस बारे में नागरिकों में चर्चा जारी है.इसी बीच यवतमाल जिलाधिकारी द्वारा माणकेश्वर रेतघाट से बिते चार माह से हर दिन और रात में हो रहे अवैध रेत उत्खनन और इसे अंजाम देनेवो रेत तस्करों को अभय देनेवाले क्षेत्र के कोतवाल  पटवारी, मंडल अधिकारी के खिलाफ कडी कारवाई की मांग की जा रही है.

    तहसील से बहनेवाली पैनगंगा नदी का विभाजन  यवतमाल तथा नांदेड जिले में हुआ है. इसमें जिले के उस पार हदगांव तहसील में पैनगंगा नदी क्षेत्र में 7 रेतघाटों की निलामी की गयी है, जबकी उमरखेड तहसील के पैनगंगा नदी सीमा में केवल 2 रेती घाटों की इस वर्ष निलामी की गयी.

    यवतमाल और नांदेड इन दोनों जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त तौर पर रेतीघाटों की निलामी करने और नियमों में बैठनेवाले रेतीघाटों की निलामी में उदासिनता बरती जा रही है, जिससे रेती तस्कर राजस्व प्रशासन के अधिकारी,कर्मचारीयों की सांठगांठ से विभीन्न रेतीघाटों पर अनधिकृत रेतघाट निर्माण कर सरकार की खनिज संपत्ती को लुट रहे है, एैसी चर्चा नागरिकों में जारी है.

    माणकेश्वर के निकट पैनगंगा नदी पात्र से 4 महिनों से रात के दौरान रेत तस्करों द्वारा रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है, इस बारे में कारवाई और जानकारी के संबंध में उमरखेड तहसीलदार से मोबाईल पर संपर्क कर प्रतीक्रिया लेने का प्रयास करने पर उन्होने कोई जवाब नही दिया.