sanjay rathod

became the guardian minister of Yavatmal-Washim

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    यवतमाल. नए पालकमंत्रियों की जिलानिहाय सूची घोषित कर दी गई है. पालकमंत्रियों की सूची में यवतमाल और वाशिम जिले के पालकमंत्री के रूप में संजय राठोड को चुना गया है. पहलीबार ऐसा हुआ है कि जिले के दो जनप्रतिनिधि दो जिलों की जिम्मेदारी संभाल रहे है. सांसद भावना गवली भी यवतमाल-वाशिम जिले की जनप्रतिनिधि के रूप में काम संभाल रही है.

    यहां बता दें कि यवतमाल और वाशिम जिला यह राज्य के 48 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में से एक है. यह निर्वाचन क्षेत्र फिलहाल यवतमाल जिले के चार व वाशिम जिले के दो कुल 6 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का समावेश किया गया है. वाशिम जिले में वाशिम विधानसभा निर्वाचन् क्षेत्र व कारंजा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का समावेश है. वहीं यवतमाल जिले में रालेगांव, यवतमाल, दिग्रस और पुसद विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का समावेश है.

    शिवसेना से नाता रखनेवाली सांसद भावना गवली लगातार पांचवी बार यवतमाल-वाशिम लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की जनप्रतिनिधि है. क्षेत्र के विकास कार्योँ पर सांसद भावना गवली लगातार ध्यान दे रही है. वहीं अब अन्न एवं औषधि प्रशासन मंत्री संजय राठोड को भी यवतमाल-वाशिम का पालकत्व दिया गया है.  मंत्री संजय राठोड को अब यवतमाल जिले के विकास कार्यों के साथ ही वाशिम जिले के विकास कार्यों पर भी ध्यान देना पडेगा. 

    पालकमंत्री बनने के बाद जिले को क्या मिलेगा?

    शिंदे गुट में अन्न एवं औषधि प्रशासन मंत्री बनाए गए संजय राठोड को यवतमाल और वाशिम जिले का पालकमंत्री भी बना दिया गया है. जिससे पालकमंत्री के बगैर पिछले कई दिनों से जिले के विकास कार्य अटके पडे हुए थे. इन विकास कार्यों को अब जोर मिलने की उम्मीदें जिलावासियों को बनी हुई है. लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि संजय राठोड को यवतमाल जिले के साथ ही वाशिम जिले का भी पालकत्व निभाना पडेगा.

    अब दोनों जिले के विकास कार्यों की बागडोर पालकमंत्री होने के नाते संजय राठोड कैसे निभाएंगे? इस ओर जिलावासियों की निगाहें टिकी हुई है. वहीं जिलावासियों को संजय राठोड के पालकमंत्री बनने के बाद कुछ ना कुछ सौगात मिलने की अपेक्षाएं बनी हुई है. क्या संजय राठोड जनता की उम्मीदों पर खरा उतर पाएंगे यह आनेवाला समय ही बताएगा?