ST Strike
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    यवतमाल. पिछले दो माह से जारी धरना अब भी जारी है और अब निगम ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है. एसटी निगम ने नागरिकों को असुविधा से बचने और एक बार फिर एसटी के यातायात को सुव्यवस्थित करने के लिए एक आक्रामक रुख अपनाया है. दो दिनों में 1,305 हडताली कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. ऐसे में गुरुवार 6 जनवरी को विभाग के 917 हडताली कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

    एसटी निगम के राज्य सरकार में विलय की मांग को लेकर एसटी निगम के कर्मचारी हड़ताल पर हैं. कर्मचारियों के आंदोलन से एसटी की यात्री परिवहन सेवा ठप हो गई है. जिले में आंदोलन भी जारी है. परिवहन मंत्री द्वारा वेतन वृद्धि की घोषणा के बाद कुछ चालक-वाहकों ने काम करना शुरू कर दिया.

    हालांकि उन पर एसटी की दो से तीन फीसदी यात्री परिवहन सेवा शुरू हो चुकी है, लेकिन जिलों में बस सेवा अभी भी ठप है. नतीजा यह रहा कि एसटी निगम ने विभाग के 133 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया. 315 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. ऐसे में गुरुवार को 917 हडताली कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. दो दिनों में 1,305 हडताली कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

    सेवानिवृत्त कर्मी का सेवा में जुडने का फैसला

    मैं पिछले साल सेवानिवृत्त हुआ था. सेवानिवृत्ति तक निगम ने बहुत कुछ दिया. अब हड़ताल जारी है. इसके चलते यात्रियों की उपेक्षा हो रही है. निजी वाहन में सफर करते समय यात्रियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. इस वजह से मैंने सेवा में शामिल होने का फैसला किया है. यात्रियों के लिए, मैं प्रदर्शन पर ध्यान दूंगा. 

    दिगंबर गावंडे, सेवानिवृत्त कर्मचारी.