एसटी कर्मचारियों की हड़ताल से छात्रों का घातक सफर

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    • हडताल से ग्रामीण क्षेत्र में निजी वाहनों से करनी पड रही यात्रा
    • माता-पिता की चिंता बढ़ी

    यवतमाल. एसटी कर्मचारियों की हड़ताल के कारण एसटी बंद है और ग्रामीण क्षेत्रों में  छात्रों को शिक्षा के लिए निजी वाहनों में यात्रा करनी पड़ रही है.

    कोरोना की वजह से बंद स्कूल दिवाली से पहले ही शुरू हो गया, जिससे छात्रों के चेहरों पर खुशी का माहौल है. हालांकि, छात्रों की यह खुशी अल्पकालिक है और उन्हें स्कूल में आने-जाने के लिए रियायती दरों पर एसटी कर्मचारियों हड़ताल के कारण अपनी शिक्षा के लिए निजी वाहनों पर निर्भर रहना पड़ता है. छात्रों के इस जानलेवा सफर ने बढ़ाई अभिभावकों की चिंता दिखाई दे रही है.

    बच्चों के सकुशल घर पहुंचने तक माता-पिता के चेहरों पर चिंता साफ देखी जा सकती है. इसलिए सरकार को कर्मचारियों की हड़ताल का समाधान करना चाहिए ताकि छात्रों को उनके सही एसटी में यात्रा करके शिक्षा प्राप्त करने का रास्ता मिल सके.

    शिवनेरी की तर्ज पर मानव विकास मिशन की बसें शुरू करने की जरूरत

    मुंबई, नासिक, पुणे जैसे महानगरों में यात्रियों को होने वाली असुविधा को देखते हुए निजी चालकों को अस्थायी रूप से नियुक्त कर शिवनेरी बसों का परिवहन किया जा रहा है. इसी तर्ज में अभिभावकों की प्रतिक्रिया है कि सरकार को मानव विकास मिशन की बसें शुरू करने की जरूरत है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों को असुविधा न हो.