पाथ्रड देवी में ज्ञान-भक्ति वाले छात्रों के लिए अध्ययन, प्राचीन मंदिरों में भक्तों का तांता

    Loading

    यवतमाल.  दारव्हा तहसील के छोटे से गांव पानड में ज्ञान और भक्ति का अनूठा संगम स्थापित किया गया है. मां जगदंबा लखमाई को प्रणाम करने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं, वहीं छात्र अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए मंदिर के अध्ययन में ज्ञान प्राप्त करते हैं.

    पाथ्रड (देवी) के गांव से सटे जगदंबा लखमाई मंदिर है. गोखी परियोजना कुछ ही दूरी पर है. यह वह जगह है जहां नवरात्रि में यात्रा का रूप ले लेती है. मंदिर में हर सुबह और शाम को आरती और पारायण किया जाता है, ग्राम गीता का पाठ किया जाता है. मंदिर संस्थान ने अध्ययन का निर्माण किया है. कई छात्र वहां सीखते हैं.

    मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. इसमें से कुछ काम बाधित हो गया है. इस स्थान पर एक बड़े हॉल का निर्माण किया गया है जिसमें मंदिर परिसर में अध्ययन और अध्ययन केंद्र के साथ-साथ मल्लखंभा प्रशिक्षण भी शुरू किया गया है. सहायक शिक्षक सुभाष जाधव, सिद्धार्थ भगत, किरण मोरे, गजानन अमझरे, गोपाल जाधव, सुदर्शन इंगाले आदि समेत मंदिर के पुजारी कुलभूषण पांडे के छात्रों का मार्गदर्शन कर रहे हैं.

    मंदिर के अध्यक्ष मोतीराम आडे, उपाध्यक्ष दादाराव भगत, संयुक्त सचिव शंकर आमझरे, चंद्रसिंह जाधव, गोविंद जाधव, रामहरी पवार, उत्तम चव्हाण, प्रबंधक लिंबासिंग पवार, सरपंच जयसिंह राठोड़, पूर्व सरपंच लंकेश जाधव मंदिर के निर्माण के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.