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  • झरी तहसील में गर्भवती वाघिन की मौत का मामला

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झरी (सं). पुलिस व वन विभाग की एक टीम ने झरी तहसील के मांगुर्ला वन क्षेत्र में एक गर्भवती बाघिन की हत्या के मामले में  वरपोड से 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. मामले से कोई संबंध नहीं था और उन्होंने आरोप लगाया था. बेगुनाह लोगों को बिना किसी कारण के मारपीट का आरोप कर वरपोड के सैकड़ों नागरिकों ने मुकुटबन पुलिस स्टेशन पर दस्तक दी. मामले की गहन जांच की गई. अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एट्रॉसीटी दर्ज करने की मांग की गई.

झरी तहसील के मांगुर्ला वन क्षेत्र में गर्भवती वाघिन की हत्या और सोनेगांव के पास वाघिन की हत्या के संबंध में एक संयुक्त टीम ने वरपोड और येसापुर में एक तलाशी अभियान चलाया था. संयुक्त टीम वरपोड के आसपास पहुंची. सुबह 5 बजे के दौरान 5 आरोपियों को वरपोड से गिरफ्तार किया. ग्रामीणों का आरोप है कि गिरफ्तारी के दौरान वन विभाग के कर्मियों ने गांव के अन्य लोगों को भी पीटा और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. 

कार्रवाई के नाम पर महिला की पिटाई का आरोप

गर्भवती महिला को भी पीटा गया. मौके पर कुल 10 महिलाओं के साथ मारपीट की गई. प्रशांत टेकाम ने सवाल उठाया है कि कानूनी कार्रवाई के नाम पर महिला को पीटने का अधिकार किसने दिया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि मांगुरला और सोनेगांव में बाघों की हत्या से उनका कोई लेना-देना नहीं है. उन्हें बिना किसी कारण के दोषी ठहराया जा रहा है. वरपोड के नागरिकों ने मांग की है कि संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एट्रासिटी के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है.

जिलाधिकारी यवतमाल, जिला पुलिस अधीक्षक,आदिवासी अधिकार संरक्षण समिति महाराष्ट्र, परियोजना अधिकारी पांढरकवड़ा,मानवाधिकार आयोग महाराष्ट्र,महिला आयोग को शिकायत की गई है. मुकुटबन थाने मे ज्ञापन देते हुए पाइकू टेकाम,महादेव टेकाम, सुनील टेकाम, आनंद टेकाम, राजेश्वर टेकाम, सुंदर टेकाम, किसान टेकाम, जंगा मडावी, सुरेश आत्राम, लक्ष्मण कोडापे, सीमा टेकाम, भोनू टेकाम,लखमा टेकाम, प्रेमिला टेकाम, मादीबाई टेकाम, लक्ष्मी टेकाम, अनुसया आत्राम,लीलाबाई आत्राम उपस्थित थे.