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    • यात्रियों नहीं समझा एसटी का शेड्यूल

    यवतमाल. राज्य परिवहन निगम की एसटी बसें धीरे-धीरे पटरी पर आ रही हैं. यवतमाल में 70 एसटी बसें शुरू हालांकि इसके बाद भी बस स्टैंड पर उतनी भीड़ नहीं है जितनी होनी चाहिए. इसके चलते हॉकर्स को भी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

    कुल एसटी बसों में से 70 एसटी बसों को शुरू किया गया है. इसके माध्यम से जिले से यात्रियों का आना-जाना लगा रहता है. लंबी दूरी की बसें अभी शुरू होनी बाकी हैं. नतीजतन, हॉकरों की बिक्री उतनी अच्छी नहीं हो रही है जितनी होनी चाहिए, जिससे व्यवसाय मुश्किल में पड़ रहे हैं.

    अधिकांश बसें यवतमाल डिपो से 

    27 एसटी बसें यवतमाल डिपो से चल रही हैं. एसटी की दो बसें पुसद डिपो से, छह वणी डिपो से, दो उमरखेड़ डिपो से, पांच दारव्हा डिपो से, 11 पांढरकवडा डिपो से, सात नेर डिपो से, चार दिग्रस डिपो से और छह रालेगांव डिपो से शुरू हुई हैं. आने वाले दिनों में एसटी बसों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है.

    काम पर 314 कर्मचारी

    परिवहन निगम के 314 कर्मचारियों ने काम शुरू कर दिया है. अगले कुछ दिनों में यह संख्या और बढ़ेगी. साथ ही एसटी बसों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. इससे यात्रियों और हॉकर्स को राहत मिलेगी.

    - श्रीनिवास जोशी, मंडल नियंत्रक

    हम जैसे ग्रा हकों की तीन महीने से इंतजार कर रहे हैं. पिछले तीन महीने से हम जैसे व्यापारी एसटी निगम की हड़ताल का सामना कर रहे हैं. एक ओर धंधा बंद है तो दूसरी ओर एसटी निगम दुकान का किराया मांग रहा है. अब सवाल यह है कि परिवार का गुजारा को कैसे चलाया जाए.

    -संतोष गवई, व्यवसाइक

    बस स्थानक पर विविध चीजों की बिक्री कर रोजाना 300-400 रुपये कमा रहा था. अब सारा काम ठप है. हम तीन महीने से घर पर हैं. हमारे सामने सवाल यह है कि परिवार कैसे चलाया जाए. एसटी सुचारू शुरू होने पर ही कारोबार बढ़ेगा.

    रोशन बघाडे, व्यवसाइक

    मेरे परिवार में मेरे पांच सदस्य हैं. पूरा परिवार हाकर्स का व्यवसाय करते है. जीन माह से काम ठप है. दूसरी काम अभी तक नहीं मिली है. अगर हड़ताल खत्म हो जाती है और कर्मचारी काम पर आ जाते हैं तो हमारे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा. इस समय पूरा परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है.

    - सचिन भीसे, व्यवसाइक