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महागांव. तहसील में 73 ग्रामपंचायतों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों ने ग्रामपंचायतों को बकाया टैक्स का भुगतान करना शुरू कर दिया है. कोरोना महामारी के कारण संकट में आ चुकी ग्रामपंचायतों की तिजोरी में अब पैसो की कमी नहीं होगी. महागांव तहसील में एक साथ 73 ग्रामपंचायतों के चुनाव हो रहे हैं. हर गांव में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है.

चुनाव नामांकन पत्र दाखिल करते समय उम्मीदवारों को ग्रामपंचायत का बकाया टैक्स भुगतान करने की रसीद संलग्न करनी होती है. अन्यथा नामांकन पत्र रद्द किया जाता है. इसलिए उम्मीदवार को चुनाव प्रक्रिया छोड़ने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचता. छोटी सी गलती पर पांच साल बर्बाद हो जाते हैं. इसलिए कई गांवों में इच्छुक उम्मीदवारों ने ग्रामपंचायतों में बकाया टैक्स का भुगतान करना शुरू कर दिया है. खुद होकर ग्रामसेवक से पूछ रहे हैं कि उन पर कितना टैक्स बकाया है. जिसकी बकाया राशि शून्य है, उन्हें नील का प्रमाणपत्र मिल गया है. इसलिए ग्राम पंचायत के खजाने में पैसा आने से राहत मिली है.

प्रत्येक गांव से 40 से 50 इच्छुक 

चुनाव के लिए प्रत्येक गांव में कम से कम 40 से 50 लोग इच्छुक है. उनके बकाया कर भुगतान से ग्रापं की आर्थिक स्थिति बेहतर होने में बढ़ावा मिलेगा. कोविड-19 के दौरान तहसील में ग्रामपंचायत की टैक्स वसूली रूक गई थी. इसलिए ग्रामपंचायत मार्च के अंत तक वसूली के लक्ष्य को पूरा नहीं कर सकी. परिणामस्वरूप कई ग्रामपंचायत कर्मचारियों को पिछले कुछ दिनों से उनका वेतन मिलना तक मुश्किल हो गया था. 

कर्मियों को हो सकेगा वेतन भुगतान 

कुछ ग्रामपंचायतों की रिकवरी के अनुपात में वेतन को लेकर कर्मचारी आक्रामक हो गए थे. तालाबंदी के दौरान वसूली के लिए कर्मचारी दौड़ पड़े. फिर भी बहुतों ने बकाया कर भुगतान नहीं किया. उनमें से अधिकांश लोग उम्मीदवारों के रूप में चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं. इसलिए यह देखने को मिल रहा है की वे खुद ग्राम पंचायत में आ रहे हैं और बकाया टैक्स का भुगतान कर रहे हैं. कर्मचारी के काम का तनाव भी कम हो गया है. कर वसूली होने से कर्मचारियों का वेतन अदा करने को मदद मिलेगी.