ST BUS
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    वणी.  विलय की मांग को लेकर एसटी कर्मचारी पिछले कुछ दिनो से हडताल पर है. राज्य सरकार की अपील के बावजूद कर्मचारी अपनी मांगो पर अडे है. हालांकि, एसटी के निजीकरण पर चर्चा जारी है. क्योंकि हडताल का कोई हल नही निकला है.

    दुसरी ओर कहा जा रहा है कि, एस .टी. निगम घाटे मे चल रहा है.  जो उसकी अल्प आय और अधिक व्यव के कारण है. यात्रियो को डर है कि अगर एसटी का निजीकरण किया गया तो निजी कंपनियां किसी तरह इसे लूट लेंगी. इसलिए , एसटी का निजीकरण नही होना चाहिए, ऐसी आम आदमी की मांग है.  

    अर्थिक रूप से लूटने की संदेशा 

    सरकार के आदेश के बावजूद हडताल खत्म होने की संभावना नही दिख रही है. एसटी के निजीकरण की बात हो रही है. ऐसे में निजी ट्रव्हल्स कंपनिया द्वारा यात्रा का किराया बढाया जायेगा व यात्रियो को आर्थिक रूप से लूटने का भी संदेशा है. - दीलीप देशपांडे, यात्री - विनोद कुरेकार,यात्री - नदीम पटेल, यात्री

    निजीकरण से यात्रियों का होगा नुकसान 

    एसटी का निजीकरण हुआ तो एसटी पूरी तरह से निजी कंपनियो के हाथ मे हो जाएगा. निजी कंपनिया मनमानी तरीके से टिकट रखेगी. इस पर किसी का नियंत्रण नही होगा. इससे यात्रियो का आर्थिक नुकसान होगा. - विनोद कुरेकार,यात्री - नदीम पटेल, यात्री

    अतिरिक्त किराया वसुला जायेगा

    एसटी कर्मचारी की हडताल की वजह से यात्रीयो को बेवजह परेशानी होना पड रहा है. अभी एसटी निगम ने दरे बढा दी है. हालांकि अब एसटी के निजीकरण की बात हो रही है. अगर आप निजी वाहन से जाते है, तो 200 रूपये से 300 रूपये अतिरिक्त चार्ज किए जाते है. इसलिए एसटी यात्रा सस्ती है. - नदीम पटेल, यात्री