unseasonal rains
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वणी: अचानक हुए मौसम मे बदलाव के कारण और कल रात हुई बेमौसम बारिश के कारण एक बार फिर किसान संकट मे पड गया है. मौसम मे हुए बदलाव को लेकर किसान पहले ही चिंतित था. इस बारे मे मौसम विभाग की ओर से भी बताया गया था कि कुछ दिनो मे बेमौसम बारिश हो सकती है. जिसको लेकर किसानो मे काफी डर का वातावरण निर्माण हो गया था. किसान अपनी फसलो को जल्द से जल्द निकालने की कोशिश मे था. मगर कल रात की बारिश ने कई किसानो की कोशिशो पर पानी फेर दिया. उनके हाथ आई फसल भी बेमौसम बारिश के कारण बर्बाद होने की कगार पर आ गई है. 

एक ओर जहा किसान कपास और सोयाबीन के दामो को लेकर चिंतित और परेशान दिखाई दे रहा है. वही कल रात हुई बेमौसम बारिश ने किसानो की खरीफ की फसलो को भी संकट मे डाल दिया है. किसानी इस साल यह आशा कर रहा था कि कपास और सोयाबीन को अच्छे दाम मिलेंगे मगर उसकी आशा के विपरित कपास के दाम होने से किसानो के घरो मे अब भी कपास मौजूद है. 

अतिवृष्टि मदद फसल बीमा अब तक नही मिला

अतिवृष्टि के कारण फसलो को जो नुकसान पहुंचा था, उसकी मदद का आश्वासन दिया गया था. मगर वह भी अब तक नही मिला चने की फसल को एक एकड मे 20 हजार रूपए लगभग लागत लगती है जबकि उपज 4 से 5 पोते है. यानी चने की फसल के दाम भी ऐसे है कि लगाई हुई राशि भी निकलना मुश्किल है. 

बेमौसम बारिश से किसानों की बढी मुसीबतें

बीते सप्ताह में मौसम विभाग ने बारिश का अनुमान जताया था. इसके बाद बीते दो दिनों से यवतमाल जिले में बदरिला मौसम बना हुआ है. बदरिले मौसम का परिणाम खेतों की विविध फसलों पर हो रहा है. वहीं जिले के अनेक जगहों पर हलकी बूंदाबांदी हो रही है. जिससे किसानों की चिंताएं बढ गई है. 

बता दें कि बीते कुछ दिनों तक धूप का सामना नागरिकों को करना पड रहा था. जिसके बाद लोगों ने अपने घरों में रखे कूलरों को बाहर निकालकर उनकी दुरूस्ती करना शुरू करने का मूड बना लिया था. लेकिन अचानक मौसम में बदलाव होने के बाद से कूलर अब तक घरों में शुरू नहीं हो पाए है. वहीं धूप अचानक गायब हो जाने से किसानों को फसलों का नुकसान होने का भय सता रहा है.