यवतमाल. यवतमाल वनपरिक्षेत्र के तहत आनेवाले किटा कापरा के जंगल में शेर का शिकार कर उसके अवयव बेंचने के प्रयास का मामला उजागर होने के बाद वनविभाग में हडकम्प मचा हुआ है. तो दुसरी ओर आज 18 अक्तुबर को इस मामलें में उमरेड और रामटेक वनविभाग के अधिकारीयों के दस्ते ने यवतमाल पहूंचकर किटा के जंगल में हुए शिकार मामले की जांच पडताल कर,पुरे मामले का जायजा लिया.इस दौरान जंगल में कहां पर शेर को भाले से मारा गया, इसके लिए किन औजारों का ईस्तेमाल हुआ .
बाघ के अवयवों की तस्करी में और कौन लोग शामिल है, इस बारे में वनाधिकारीयों ने जांच पडताल की.उल्लेखनिय है की शनिवार 17 अक्तुबर को नागपुर के निकट हलदगांव टोलनाके के पास बुटीबोरी के वनदस्ते ने वाहन में बैठकर जा रहे बाघ के शिकारीयों को कब्जे में लेकर उनसे तस्करी कीए जा रहे बाघ के अवयय बरामद कीए थे. जिसके बाद बाघ के शिकार के मामलें में यवतमाल में वनविभाग के अधिकारी जांच में जुटे हुए है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक सहायक वनसंरक्षक नरेंद्र चंदेकवार तथा वनाधिकारी संदिप गिरी के दस्ते ने उमरडा के जंगल में भी जाकर निरीक्षण कीया.यह अधिकारी पकडे गए आरोपीयों से पुछताछ के बाद सत्यता परखने के लिए यहां पहूंचे थे.इससे पुर्व पकडे गए आरोपीयों ने वर्ष 2018 में उमरखेड जंगल में बाघ का शिकार करने की जानकारी वनविभाग के दस्ते को दी थी, लेकिन यह जानकारी गुमराह करनेवाली होने का संदेह वनअधिकारीयों का था.
हालांकी उन्हे वहां पर शिकार से जुडी अधिक जानकारी नही मिल पायी, एैसी जानकारी वनविभाग के सुत्रों ने दी. इसके बाद कडी पुछताछ में किटा के जंगल में बाघ का शिकार करने की जानकारी आरोपीयों ने दी. जिसके बाद दस्ते ने किटा के घने जंगल में बाघ की हडडीयों का पिंजा और एक घर में छिपाकर रखी गयी हडडीयां और बाघ के नाखुन बरामद हुए, जिसे वनविभाग के अधिकारीयों ने जब्त कीया है.इस मामलें में विस्तृत जांच जारी होने की जानकारी वनसरंक्षक नरेंद्र चांदेवार ने दी है.
यवतमाल वनविभाग के तहत आनेवाले किटा के जंगल में बाघ का शिकार करने के बाद उसके अवयवों को बिक्री के लिए ले जाते समय नागपुर के पास हलदगांव टोल टैक्स नाके के पास वनविभाग के बुटीबोरी वनविभाग के दस्ते ने 6 लोगों को धर दबोचा था. इनमें प्रकाश महादेव कोली निवासी कामनदेव तहसील नेर, प्रकाश रामदास राऊत निवासी वरुड तहसील बाभुलगांव, अंकुश बाबाराव नाईकवाडे निवासी ईचोरी तहसील यवतमाल, संदिप महादेव रंगारी निवासी वर्धा, विनोद श्यामराव मुन निवासी सावला तहसील धामणगांव, विवेक सुरेश मिसाल निवासी अंजनगाव जिला अमरावती, योगेश माणिक मिलिमिले निवासी वरुड जिला अमरावती का समावेश है. वनदस्ते ने इन शिकारीयों सें वाहन क्रमांक एमएच 44 बी 5152 बरामद कर तलाशी लेने पर उसमें बाघ के नाखुन, तथा दांत बरामद हुए, जिसे बुटीबोरी वनविभाग के दस्ते ने जब्त कर लिया था.
इन आरोपीयों नें किटा के जंगल में जंगली सुअर का शिकार करते समय बाघ दिखाई देने पर उसका भाले से शिकार करने और इसके अवयवों का नागपुर में तस्करों से सौदा होने के कारण उसे बेंचने के लिए नागपुर पहूंचाने की जानकारी जांचकर्ता वनाधिकारीयों को दी, जिसके बाद इन सभी को फारेस्ट कस्टडी में लिया गया है. इसके बाद उमरेड, रामटेक, वनविभाग समेत यवतमाल वनविभाग के अधिकारी बाघ के इस शिकार के मामलें में जांच में जुटे हुए है.पकडे गए गिरोह का कहीं अंतरराज्यीय तस्करों से संबंध तो नही है, इस बारे में भी वनविभाग जांच पडताल में जुटा हुआ है.