Yavatmal ZP

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    यवतमाल. जिलापरिषद शिक्षकों के तबादलों के लिए शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्तर पर आनलाईन प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है. बता दें कि जिप.की शालाओं में कार्यरत शिक्षकों के साथ साल 2018 में तबादलों को लेकर अन्याय किए जाने की शिकायतें शिक्षकों ने दर्ज करार्यी थीं. जिसके बाद इस मर्तबा तबादला प्रक्रिया में विवादित तबादला प्रक्रिया के इन शिक्षकों के ऑनलाइन तबादला किए जाएंगे. इसके लिए ग्रामविकास विभाग ने पत्र जारी कर शिक्षा विभाग को निर्देश दिए है.

    उल्लेखनीय है कि अन्यायग्रस्त शिक्षकों ने इसके लिए मंत्रालय, संभागीय आयुक्त और न्यायालय तक गुहार लगायी थीं. साल 2018 में हुए शिक्षक तबदला प्रक्रिया का पूरा काम पुणे के एनआयसी के मार्फत किया गया था, जिसमें जिले के अनेक शिक्षकों बेवजह दिक्कतों का सामना करना पडा और मनमाने तौर पर तबादलों का शिकार होना पडा था, जिससे रैंडम राऊंड में तबादला होकर इन शिक्षकों को दुर्गम गांवों में डयुटी करनी पडी, जिससे उन्होंने न्यायालय की दहलीज लांघी थीं.

    जिले में 100 से अधिक शिक्षकों ने इस प्रक्रिया के खिलाफ याचिकाएं दायर की लेकिन उनकी समस्या सुलझने के बाद ही अगली तबादला प्रक्रिया लेने के निर्देश न्यायालय ने दिए थे.जिससे शिक्षकों के तबादलों में देरी हुई, लेकिन फिलहाल तबादला प्रक्रिया शुरु करने के बाद अन्यायग्रस्त शिक्षकों के तबादलों पर भी आनलाईन प्रक्रिया शुरु की गयी थी.

    इस आनलाईन तबादला प्रक्रिया को ध्यान में लेकर जिन शिक्षकों पर 2018 में तबादलों में अन्याय हुआ था, उनमें शामिल शिक्षक पुंडलिक बुटले, सुनिता बुटले ने अवमान याचिका दाखिल की गयी, साथ ही मंत्रालय में दाखिल शिकायत में शिक्षक दिवाकर राऊत और विनोद खरुलकर नामक शिक्षकों ने फिलहाल शुरु हुई आनलाईन शिक्षक तबादला प्रक्रिया में उन्हे आफलाईन तबादलों के लिए अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है, ऐसा सवाल उठाया था. न्यायालय में वकीलों के युक्तीवाद के बाद न्यायालय के निर्देश दिए गए, जिसके बाद अब इस बारे में ग्रामविकास विभाग ने पत्र जारी किया है, जिसमें न्यायालय में गए शिक्षकों के तबादलों की प्रक्रिया पर स्पष्ट निर्देश दिए गए है.

    कोई शिक्षक की एक शाला से दूसरी विशेष शाला में तबादला करने का न्यायालय का यदि आदेश है तो मुख्य कार्यकारी अधिकारी सबसे पहले इन शिक्षकों की ऑफलाईन प्रणाली से तबादला की प्रक्रिया पूरी करें, इसमें केवल याचिकाकर्ता शिक्षक के आग्रह पर विचार करने के न्यायालय के निर्देश होने से वें आनलाईन तबादले के पात्र नहीं होंगे, लेकिन इन शिक्षकों को यदि वे आनलाईन प्रक्रिया में शामिल होने की ईच्छा रखते है तो उन्हें इस बारे में लिखित सूचना देने की जिम्मेदारी ग्रामविकास विभाग ने जिप. के सीईओ पर सौंपी है.

    नियमों के मुताबिक इस बार तबादला प्रक्रिया में 2021-22 इस वर्ष शिक्षकों की संचमान्यता जरुरी की गयी है,लेकिन कोविड और अन्य कारणों से राज्य की अनेक जिलापरिषदों में इस वर्ष की संचमान्यता अब भी पूरी नहीं होने की जानकारी सामने आयी है. जिससे 2021-22 की संचमान्यता यह 2020-21  की तरह बरकरार रख, इसके आधार पर तबादला करने के निर्देश है, उसी तरह संचमान्यता में एक्सेस ठहरे शिक्षकों का समायोजन तबादला प्रक्रिया के बाद किया जाएंगा.