Gharkul

Loading

आर्णी. पंचायत समिति क्षेत्र की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत है, लेकिन विधायक और सांसद के लिए एक प्रिय गांव है. इसके बावजूद ये सभी बड़े नेताओं की अनदेखी से गांव की उपेक्षा हो रही है. इस गांव पर ध्यान देने की आवश्यकता है. जवला गांव में करीब 118 आवास हैं, लेकिन भूमि समूह नंबर दो होने के कारण सरकार ने पेंडिंग रखे हैं. गांव के बड़े नेता अनदेखी कर रहे है.

कुछ आवास योजना के लाभार्थी का कहना है. वार्ड नंबर 5 के लोग सपना देख रहे हैं कि निवास योजना आएगी और उसका घर पूरा होगा. प्रभाग पांच के नागरिक लगभग बीस साल से अपना कच्चा घर बनाकर रह रहे हैं. सरकार के विभिन्न कर जैसे हाउस टैक्स, पानी का बिल, लाइट बिल सभी भर रहे हैं. सभी के पास टैक्स की रसीदें और 8 अ का दाखिला भी है. वहीं वार्ड नंबर पांच में अतिक्रमण धारकों को सरकार की ओर से घर और शौचालय भी मिल गए हैं. गांव के प्रभाग नंबर पांच के लोगों के बीच एकमात्र सवाल यह है कि बाकी नागरिकों को घर क्यों नहीं मिल रहे हैं.

ग्रामसभा में जरूरी प्रस्ताव पारित

ग्रामसभा में सबसे अच्छे निर्णय ग्रामसभा में लिए जाते हैं और उसी ग्रामसभा में वार्ड संख्या पांच में सभी लाभार्थी प्रतिकूल स्थिति में रहते है. इसके मद्देनजर एक प्रस्ताव पारित किया गया  कि सभी लाभार्थियों को एक घर मिलना चाहिए. गांव के गणेश धनोडे ने महिलाओ का एक मोर्चा  तहसील पर निकाला, लेकिन घरकुल के धारकों को अभी तक घरकुल का लाभ नहीं मिला है.

वरिष्ठों से अनुमति का इंतजार

लाभार्थियों का निर्णय सरकार के पास पेंडिंग है. जवला गांव में अतिक्रमणधारकों का मुद्दा लगभग 2017 से पेंडिंग पड़ा है. मैंने 2020 में पंचायत समिति निर्माण विभाग का पदभार संभाला है. वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति मिलते ही अतिक्रमणधारकों का मुद्दा हल हो जाएगा.

-किशोर साबले, अभियंता-पंसं निर्माण विभाग.