25 हजार किसानों को मदद राशि की प्रतिक्षा

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    • 100 करोड रुपए बांटें,लेकिन किसानों को अल्प मदद

    यवतमाल. इस वर्ष जुलाई माह के बाद अतिवृष्टी और वापसी की बारिश ने खरीफ की सभी फसलों को काफी नुकसान पहूंचाया. जिससे प्रशासनिक सर्वे और रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार ने जिले में किसानों को 133 करोड रुपयों की मुआवजा राशि की घोषणा की है. लेकिन सितंबर माह के बाद से अब तक जिले के किसानों को बांटने के लिए केवल 100 करोड की राशि ही मिल पायी है, जिससे हजारों किसानों को बांटी जानेवाली 33 करोड की सरकारी मदद राशि  की जिले में प्रतिक्षा की जा रही है.

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    बता दें की सरकार ने इस बार अतिवृष्टी के नुकसान के बाद मदद राशि वितरण के शर्तों में प्रति एकड की बजाय निर्धारित 2 एकड क्षेत्र के फसल नुकसान को राशि देने का फैसला किया, जिससे यह मदद राशि किसानों को काफी कम मिली है.जीन किसानों को लाखों रुपयों का नुकसान हुआ, उन्हे दो या तीन एकड क्षेत्र के नुकसान के लिए 4 से 5 हजार रुपयों या अधिकतम 10 हजार रुपयों की नुकसान राशी दी गयी है.जिससे किसानों में हताशा फैली हुई है.

    फसल जुलाई माह में हुई बारिश ने किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहूंचाया,जिसके बाद कृषी और राजस्व यंत्रणा ने सर्वे का चित्र निर्माण किया, इसके बाद राज्य सरकार ने नुकसान मुआवजा की षोघाणा की.स्थानिय राजस्व यंत्रणा की सर्वे रिपोर्ट के बाद जिले में मदद के लिए 133 करोड रुपयों की मदद राशि घोषीत हुई, इसमें 17 लाख 7 हजार 382 हेक्टेयर क्षेत्र में बाधीत हुई फसलों के लिए 1 लाख 87 हजार किसानों को यह राशी का प्रावधान सरकार ने किया है.

    प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में तहसील स्तर पर जीन बैंकों से किसानों को यह मदद राशि मिलनी है, वहां पर सुची में हजारों किसानों के नाम नही है.जिससे किसानों को उनके खाते में मदद राशि नही पहूंचने की जानकारी दी जा रही है.जिला प्रशासन ने अब तक जिले में पौने दो लाख किसानों के खातों में मदद राशि पहूंचने की जानकारी दी है.

    जिससे जिले में 25 हजार किसानों के खातों में मदद राशि जमा नही हो पायी है.जिलाधिकारी प्रशासन द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया की, किसानों को मुआवजा राशी मिलें इसके लिए पुरे प्रयास हुए,दिपावली की छुटटीयों में भी काम किया गया, जिससे 80 फिसदी किसानों तक मदद राशि पहूंची,जबकी शेष किसानों के बैंक खातों में जल्द ही राशी पहूंचेगी.नुकसान की रिपोर्ट और मांग के अनुसार राशि मिली है,जिसे बैंक स्तरों पर जमा किया जा रहा है.