प्रभावित कामों को शीघ्र पूरा करेंगे, विधायक वजाहत मिर्झा का आश्वासन

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    यवतमाल. राज्य में सभी वक्फ मिलाकर कुल 97 हजार एकर इतनी जमीन है. इसमें से 40 फीसदी जमीनें अतिक्रमण में है. लगभग 115 भूखंडों पर शासकीय, निज शासकीय व स्थानीय स्वराज संस्था के कार्यालय होने की रिपोर्ट वक्फ मंडल ने दी है. स्थानीय वक्फ संपत्ति की सुरक्षा करना, विकास करने के अलावा हजारों वक्फ संस्था प्रबंधन समितियों के विवादों को सुलझाने व उस पर नियंत्रण आदि काम महाराष्ट्र राज्य वक्फ मंडल के प्रशासकीय प्रबंधन को सौंपे गए है. लेकिन हाल की स्थिति में केवल 24 कर्मचारियों के अधूरे स्टॉफ की वजह से काम में देरी हो रही है. बार बार पत्राचार करने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने 169 जगहों को भरने की अनुमति देने की जानकारी राज्य वक्फ मंडल के चेयरमेन वजाहत मिर्झा ने दी.

    शहर के मेराज लॉन में तहेरीके उलेमाए हिंद की ओर से मस्जिद व मदरसों के रजिस्ट्रेशन के लिए उत्पन्न होनेवाली समस्याओं का निराकरण करने कि लिए एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.

    केंद्र सरकार ने वक्फ अधिनियम 1995 अधिनियम को पारित कर पूरे देश में लागू किया है. यह अधिनियम पूरे महाराष्ट्र राज्य में 1 जनवरी 1996 से लागू किया गया है. इसमें मस्जिदों व मदरसों का पंजीयन करना अनिवार्य होता है. परंतु औरंगाबाद में महाराष्ट्र राज्य वक्फ मंडल के मुख्यालय में जाकर पंजीयन करनेवाले ट्रस्टी लोगों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड रहा है और उनके काम प्रभावित हो रहे थे. इसीलिए तहेरी उलेमाए हिंद ने इस कार्यशाला का आयोजन किया. इसमें प्रमुखता से लगभग प्रलंबित 152 रजिस्ट्रेशन हो चुका है और जल्द ही उनको पंजीयन प्रमाणपत्र दिया जाएगा, यह जानकारी विधायक वजाहत मिर्झा ने दी. इसी तरह अमरावती में एक विभागीय कार्यालय शुरू करने की जानकारी भी उन्होंने दी.

    कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव पूर्व पार्षद जावेद अंसारी, मोहसीन खान, सैय्यद इश्तीयाक, तहेरीके उलेमाए हिंद के जिलाध्यक्ष हाफीज इब्राहीम, अमरावती के मुफ्ती फिरोज सहित अन्यों ने प्रयास किया.