सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ ग्रामीण इलाके में फिर जलाए चूल्हे..!

    Loading

    वणी. केंद्र सरकार ने वनों की कटाई को रोकने और पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए उज्ज्वला योजना के तहत गांवों में हर घर को गैस कनेक्शन प्रदान किया है. लेकिन गैस भरने की बढ़ती दरें गरीबों की पहुंच से बाहर हो गई हैं. नतीजतन, महिलाएं फिर से चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर हैं.

    ईंधन के रूप में खाना पकाने के लिए वनों की कटाई को रोकें. प्रदूषण कम कर महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार लाना चाहिए. इसके लिए केंद्र सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत गरीबों को कम दाम में गैस कनेक्शन मुहैया कराया था. नतीजतन, घर-घर में गैस का इस्तेमाल किया गया था. लेकिन गैस भरने की दर हजारों से अधिक होने से गरीबों का आर्थिक बजट गिरना शुरू हो गया.

    जिसकी वजह से अब महिलाएं गैस की जगह अब जलाउलकडी का चूल्हा फिर से जला रही है. इससे वायु प्रदूषण भी होता है. चूल्हे पर खाना बनाते समय महिलाओं को सांस और आंखों की बीमारी होने की संभावना अधिक होती है. इससे वायु प्रदूषण भी होता है.

    इसलिए महिलाओं ने गैस पर खाना बनाने पर जोर दिया. लेकिन गैस की कीमतें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं. नतीजतन, गरीब जनता थक गई है. जो लोग रोजाना मजदूरी कर दो वक्त की रोटी का जुगाड करता है, सिलेंडर लेना उनके बजेट के बाहर है. इसलिए झुग्गी-झोपड़ियों में महिलाएं चूल्हे पर खाना बनाती दिख रही हैं.