जयपुर: राजस्थान के गंगानगर जिला मुख्यालय पर शुक्रवार को किसानों ने भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) के एक नेता से हाथापाई की और उनके कपड़े फाड़ दिए। भाजपा ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। घटना गंगानगर जिले के गंगासिंह चौक पर हुई जहां आंदोलन कर रहे कुछ किसानों ने वहां से गुजर रहे भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश मेघवाल (Kailash Meghwal) से हाथापाई की। घटना में मेघवाल का कुर्ता भी फट गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
घटना के एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, पुलिस व कुछ अन्य किसान नेताओं ने बीच-बचाव कर मेघवाल को वहां से बाहर निकाला। एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार पुलिस ने किसानों को खदेड़ने के लिए हल्का बल प्रयोग भी किया।
दरअसल भाजपा ने किसानों की सिंचाई पानी की मांग व राज्य की बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर धरना आयोजित किया था। वहीं केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने इलाके में भाजपा के किसी भी कार्यक्रम का विरोध करने की घोषणा कर रखी है।
Rajasthan: Farmers protesting in Sri Ganganagar against the Central Government's three farm laws, tore the clothes of BJP leader Kailash Meghwal. The leader had arrived to participate in a BJP protest over inflation and irrigation when the incident took place. pic.twitter.com/GERDBpoqB2
— ANI (@ANI) July 30, 2021
भाजपा के कार्यक्रम में मौजूद रहे उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट किया, ‘‘राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद चिंताजनक है। श्रीगंगानगर में भाजपा का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था लेकिन इसके बावजूद पुलिस प्रशासन की नाकामी का आलम यह रहा कि असामाजिक तत्वों ने दलित नेता कैलाश मेघवाल पर जानलेवा हमला कर दिया और पुलिस मूकदर्शक बनी रही।”
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार भाजपा के जनप्रतिनिधियों के साथ हो रही ऐसी घटनाओं की रोकथाम सुनिश्चित करें एवं दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करें।”
राज्य सरकार भाजपा के जनप्रतिनिधियों के साथ हो रही ऐसी घटनाओं की रोकथाम सुनिश्चित करें एवं दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करें।@RajGovOfficial @BJP4Rajasthan @BJP4India
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) July 30, 2021
वहीं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने एक बयान में कहा कि मेघवाल के साथ हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय है, लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। वहीं किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक अमराराम ने बिना किसी का नाम लिए ट्वीट किया, ‘‘किसानों के लिए आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करोगे तो किसान स्वागत तो करेगा नहीं।”(एजेंसी)