जम्मू. जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर अंतिम मतदाता सूची शुक्रवार को प्रकाशित कर दी गई, जिसमें 11 लाख नए मतदाताओं के नाम जोड़े गए हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने कहा कि सूची से मतदाताओं के नाम हटाए भी गए हैं। इस लिहाज से सूची में कुल 7.72 लाख मतदाताओं का इजाफा हुआ है। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस ने अंतिम मतदाता सूची में बाहरी मतदाताओं के शामिल होने की आशंका जताई है।
जम्मू कश्मीर के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनिल सलगोत्रा ने कहा कि अंतिम मतदाता सूची में 83,59,771 मतदाता हैं, जिनमें 42,91,687 पुरुष, 40,67,900 महिलाएं और ‘थर्ड जेंडर’ के 184 नागरिक शामिल हैं। मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। साल 2019 में संविधान का अनुच्छेद निरस्त करके जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस ले लिया गया था, जिसके बाद से यह पहले विधानसभा चुनाव होंगे।
613 new polling stations added in Jammu & Kashmir after Special Summary Revision of Photo Electoral Rolls. 301961 electors in the age group of 18-19 added; Gender ratio has improved by 27 points to reach 948: Office of Chief Electoral Officer, Jammu & Kashmir
— ANI (@ANI) November 25, 2022
उन्होंने कहा, ‘‘अंतिम मतदाता सूची में 7,72,872 मतदाताओं का इजाफा हुआ, यानी मसौदा सूची पर पंजीकृत मतदाताओं की शुद्ध वृद्धि 10.19 प्रतिशत है।” सलगोत्रा ने बताया कि जम्मू कश्मीर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि विशेष पुनरीक्षण अभियान के दौरान मतदाता सूची में नाम शामिल करने के लिए 11 लाख से अधिक आवेदन एक प्राप्त हुए। इस अवधि के दौरान, केंद्र शासित प्रदेश में मतदाता सूची में नामों को शामिल करने के लिए फॉर्म छह के माध्यम से रिकॉर्ड 11,40,768 दावे प्राप्त हुए। इनमें से 11,28,672 दावों को स्वीकार किया गया और केवल 12,096 दावों को खारिज कर दिया गया। इसमें 18-19 आयु वर्ग में शामिल किए जाने के 3,01,961 दावे शामिल थे। हटाने के लिए कुल 4,12,157 अनुरोध प्राप्त हुए, जिनमें से 3,58,222 को स्वीकार किया गया और 53,935 को अस्वीकार कर दिया गया। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में 613 नए मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि अंतिम मतदाता सूची का लिंगानुपात 921 से बढ़कर 948 हो गया है। सलगोत्रा ने कहा कि लिंगानुपात में 27 अंकों की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और यह 948 है, जो जम्मू-कश्मीर की जनगणना लिंगानुपात से काफी ऊपर है। पंद्रह सितंबर से 25 अक्टूबर तक यानी 40 दिन की अवधि के लिए दावे और आपत्तियां स्वीकार की गईं। इसके बाद सभी दावों और आपत्तियों के निस्तारण के लिए 15 दिन की अवधि 10 नवंबर तक रखी गई थी। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने कहा, “हमें आशंका है कि घोषणा के अनुसार जम्मू-कश्मीर के बाहर से कुछ अपात्र मतदाताओं का नाम सूची में जोड़ा गया है।” (एजेंसी)