कई बड़े नेता और विधायकों को तेजस्वी यादव का नेतृत्व स्वीकार्य नहीं है. 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद ही इसको लेकर पार्टी के अंदर उठापटक शुरू है. नेताओं का आरोप है की तेजस्वी के नेतृत्व में पार्टी के अंदर उनकी सुनवाई नहीं होती
पटना: विधानसभा चुनाव के कुछ महीनों पहले राष्ट्रीय जनता दल को दो बड़े झटके लगे है. मंगलवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया. वहीं विधान परिषद के पांच विधायकों ने भी पार्टी छोड़ जेडीयू में शामिल हो गए है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी के कई और बड़े नेता आने वाले वक़्त में पार्टी को बाय-बाय कर सकते है.
रघुवंश प्रसाद ने उपाध्यक्ष पद से दिया इस्तीफ़ा
लालू प्रसाद के सबसे बड़े सहयोगी और उनके परिवार के संकट मोचन कहे जाने वाले रघुवंश प्रसाद ने पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि मैंने पार्टी के हर कठिन समय में साथ दिया, लेकिन अब पार्टी में जो हो रहा है, उससे मै बहुत आहत हूँ, इसलिए मै अस्पताल से ही अपना इस्तीफ़ा दे रहा हूँ. सूत्रों से मिली जानकरी के अनुसार आने वाले समय में उनके समेत कई बड़े नेता आरजेडी को छोड़ सकते है. पिछले कई दिनों से वह बाहुबली रामा सिंह को पार्टी में शामिल किए जाने से नाराज़ चल रहे है. फ़िलहाल वह अभी पटना एम्स में कोरोना का इलाज करवा रहे है.
पांच विधायकों ने छोड़ी पार्टी
वहीं विधान परिषद के पांच सदस्यों ने भी आरजेड़ी को छोड़ जेडीयू में शामिल हो गए है. उन्होंने अपना इस्तीफ़ा परिषद के अध्यक्ष को सौप दिया है. पार्टी छोड़ने वालों में एमएलसी संजय प्रसाद, कमरे आलम, राधाचरण सेठ, रणविजय सिंह और दिलीप राय शामिल है.
बता दें कि पिछले कई दिनों से आरजेडी समेत महागठबंधन में सब सही नहीं चल रहा है. चुनाव में नेतृत्व और अधिक सीटों को लेकर सहयोगी दल कांग्रेस, हम, मुकेश साहनी की पार्टी, उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी आरजेडी पर दवाब बना रहे है. इसी को लेकर जीतनराम मांझी ने आरजेडी को 25 जून तक का अल्टीमेटम दिया हुआ है, इस दौरान अगर उनकी मांगो पर विचार नहीं किया गया तो, वह 26 जून को महागठबंधन छोड़ने का ऐलान कर सकते है.
तेजस्वी का नेतृत्व स्वीकार्य नहीं
कई बड़े नेता और विधायकों तेजस्वी यादव का नेतृत्व स्वीकार्य नहीं है. 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद ही इसको लेकर पार्टी के अंदर उठापटक शुरू है. नेताओं का आरोप है की तेजस्वी के नेतृत्व में पार्टी के अंदर उनकी सुनवाई नहीं होती.