जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot) के कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) के रेस में शामिल होने के बाद राजस्थान की सियासत गरमा गई है। गहलोत समर्थक विधायक सचिन पायलट (Sachin Pilot) को मुख्यमंत्री बनाने के कांग्रेस आलाकमान के फैसले का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में पायलट के हाथ से एक बार फिर सत्ता छीनती नजर आ रही है। इस बीच राजस्थान सरकार में मंत्री और अशोक गहलोत के वफादार महेश जोशी ने कहा कि कांग्रेस को कमजोर करने की और सरकार गिराने की कोशिश करने वालों को सीएम पद के लिए नहीं चुना जाना चाहिए।
महेश जोशी ने कहा, “हाईकमान किसी को भी सीएम बना सकता है, नया सीएम बना सकता है या सीएम गहलोत को बरकरार रख सकता है, यह उन लोगों में से नहीं होना चाहिए जिन्होंने पार्टी के खिलाफ बगावत की, उसे कमजोर करने की कोशिश की।”
#WATCH | "High Command can make anyone CM, make a new CM or keep CM Gehlot intact, it should not be one of those who revolted against the party, tried to weaken it," State minister & Gehlot loyalist, Mahesh Joshi#RajasthanCongressCrisis pic.twitter.com/3tkLuFNRry
— ANI (@ANI) September 26, 2022
महेश जोशी ने कहा, “दो दिन पहले विधायक दल की बैठक हुई थी अचानक पिर से बैठक आ गई जिस पर लोगों के मन में सवाल आया कि फिर से बैठक क्यों बुलाई गई है… 7 बजे बैठक थी और हमने लोगों को धारीवाल जी के घर पर 5 बजे विचार-विमर्श के लिए बुलाया।”
जोशी ने कहा, “हमारा मकसद था कि विधायक दल की बैठक में तरह-तरह की बातें न उठे और इसलिए हमने आपस में बात करने का निर्णय लिया था। वहां पर सारी बातें साफ तरीके से हुई और सभी विधायकों ने हमारी बात का समर्थन किया। मैं नहीं समझता कि किसी भी विधायक ने बिना पढ़े पत्र पर हस्ताक्षर किया और अगर किसी ने बिना पढ़े हस्ताक्षर किया है तो वे अध्यक्ष से जाकर मिल सकते हैं।”
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव नामांकन तक यथास्थिति बरकरार रहेगी। सीएम पद के उम्मीदवार को लेकर सार्वजनिक रूप से विरोध कर रहे विधायकों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा सकता है। हालांकि, पर्यवेक्षकों के सोनिया गांधी को लिखित रिपोर्ट देने के बाद इस पर निर्णय किया जाएगा।