Sukhwinder Singh Sukhu

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    शिमला: सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग (एचपीएसएससी) को भंग कर दिया। मुख्यमंत्री सुक्खू ने शिमला में यह ऐलान किया। जूनियर असिस्टेंट ऑफिसर (जेओए-आईटी) की परीक्षा से पहले पेपर लीक होने के बाद इस आयोग की वर्किंग को सस्पेंड किया गया था। वहीं, अब आयोग को ही भंग कर दिया गया है। अब लोकसेवा आयोग के चयन आयोग का कार्य करेगा।  

    शिमला में बोलते हुए सीएम सुक्खू ने कहा कि, पिछले 3 साल से हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग में भर्तियों में भारी धांधली हुई और लाखों में पेपर लीक कर के बेचे गए। वहीं, इस मामले की जांच के बाद यह सामने आया कि, हमीरपुर चयन आयोग में भर्तियों में भारी गड़बड़ियां हुई। आयोग में नीचे से ऊपर तक कई लोग पेपर लीक में शामिल हैं। सीएम ने कहा कि,  जब तक जांच पूरी नहीं होगी, तब तक कर्मचारी आयोग भंग रहेगा।  

    उन्होंने कहा कि सभी परीक्षाएं एचपीपीएससी द्वारा आयोजित की जाएंगी और पहले से आयोजित परीक्षाओं तथा साक्षात्कार और दस्तावेज जांच सहित घोषित या घोषित नहीं किए गए परिणामों पर आगे की कार्रवाई एचपीपीएससी द्वारा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि एचपीएसएससी के कर्मचारियों को ‘सरप्लस पूल’ में स्थानांतरित कर दिया गया है और उन्हें अपनी पसंद के नए विभागों में शामिल होने का विकल्प दिया जाएगा। 

    कर्मचारी ने किया था पेपर लीक 

    बता दें कि, हिमाचल प्रदेश में जूनियर असिस्टेंट ऑफिसर-आईटी का पेपर 25 दिसंबर 2022 को आयोजित होना था, लेकिन एग्जाम के दो दिन पहले ही पेपर लीक हो गया था। चयन बोर्ड में तैनात एक महिला कर्मचारी ने यह पर्चा लीक कर दिया था। जिसके बाद विजिलेंस की टीम ने महिला कर्मचारी के घर रेड डाली थी। वहींम इस टीम को उसके घर से पर्चा मिला था। पुलिस ने मामले में आरोपी महिला और उसके दोनों बेटों को गिरफ्तार किया। इसके अलावा, एक कोचिंग संचालक और दलाल के अलावा पेपर खरीदने वाली युवती को भी गिरफ्तार किया है।