Jharkhand Violence
PHoto: Jharkhand Violence@ANI/Twitter

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    रांची: झारखंड की राजधानी रांची में गत शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के बाद हुई हिंसा के सिलसिले में अबतक 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही आगे सांप्रदायिक तनाव पैदा न हो इसके लिए शरारती तत्वों की पहचान की जा रही है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। 

    उल्लेखनीय है कि निलंबित भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा एवं निष्कासित मीडिया प्रभारी नवीन जिंदल की पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ की गई कथित टिप्पणी के विरोध में 10 जून को हुए हिंसक प्रदर्शन में दो लोगों की मौत हुई थी जबकि दो दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।  वहीं, रांची में अब भी मेन रोड और आसपास के छह थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू है।   

    राज्य पुलिस के प्रवक्ता पुलिस महानिरीक्षक अभियान एवी होमकर ने बताया कि पिछले शुक्रवार को मेन रोड इलाके में हुई हिंसा के सिलसिले में 29 गिरफ्तारियां हुई थीं, जिसके बाद गत 24 घंटे में कोई नयी गिरफ्तारी नहीं की गयी है।   

    एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि आगामी जुमे पर किसी उपद्रव से बचने और शांति बनाये रखने के लिए फिलहाल कोई बड़ी कार्रवाई से बचा जा रहा है।  उन्होंने कहा कि प्रशासन का पहला उद्देश्य शहर में शांति व्यवस्था पुनः बहाल करना है।  इस बीच आज मेन रोड स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर की स्थिति की समीक्षा करने और वहां दर्शन करने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास स्वयं पहुंचे। उन्होंने मंदिर पर पथराव करने वालों और उसे नुकसान पहुंचाने वालों पर सरकार द्वारा समुचित कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया।  दास ने सरकार से मांग की कि वह उपद्रवियों के खिलाफ शीघ्रातिशीघ्र सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे अन्यथा भाजपा आंदोलन करेगी।   

    होमकर ने बताया कि मामले में अब तक कुल 25 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं जिनमें दो दर्जन नामजद समेत सैकड़ों लोगों को आरोपी बनाया गया है।  रांची के उपायुक्त छविरंजन ने बताया कि दोपहर एक बजे से शाम पांच बजे तक हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को अपने आवश्यक कार्यों के लिए घरों से बाहर निकलने की इजाजत दी गयी।   इस बीच, राजेन्द्र आयुर्विग्यान संस्थान के प्रवक्ता डा. डीके सिन्हा ने बताया कि संस्थान में भर्ती 13 घायलों में से सात को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गयी है।   दूसरी ओर रांची और आसपास के इलाकों में अर्धसैनिक बलों एवं पुलिस की भारी तैनाती यथावत् जारी रखी गयी है।   

    होमकर ने बताया कि संवदेनशील इलाकों में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए लगभग साढ़े तीन हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गयी है।  इस बीच, झारखंड सरकार द्वारा शनिवार को हिंसा की घटना की जांच के लिए गठित दो सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति ने बुधवार को कई प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किये और हिंसा वाले क्षेत्रों का स्वयं दौरा किया।   समिति को एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। समिति में राज्य के आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ कौशल एवं अपर पुलिस महानिदेशक अभियान संजय लाटकर शामिल हैं।   

    झारखंड पुलिस के प्रवक्ता एवी होमकर ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया था कि राज्यपाल रमेश बैस के निर्देश के अनुसार कल शाम रांची पुलिस ने चिह्नित उपद्रवियों की तस्वीर जारी की थी, लेकिन कुछ त्रृटियों की वजह से उन्हें वापस ले लिया गया था।   पोस्टर लगाने के कदम का सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के कुछ नेताओं ने विरोध किया था।   

    उल्लेखनीय है कि राज्यपाल ने सोमवार को राज्य के पुलिस महानिदेशक सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारियों को राजभवन में तलब किया था।  बैस ने अधिकारियों से पूछा था कि रांची में हुई हिंसा और उपद्रव को लेकर पुलिस के पास क्या खुफिया जानकारी थी और उनके आधार पर क्या एहतियाती कार्रवाई की गई।  (एजेंसी)