कुलगाम: अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जे के तीन हफ्ते बाद तालिबान (Taliban) ने वहां अस्थाई सरकार की घोषणा कर दी है। इस सरकार में 33 मंत्री होंगे, जिसका नेतृत्व संयुक्त राष्ट्र से घोषित आतंकवादी मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद करेगा। अफगानिस्तान में सरकार की घोषणा होते ही पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती (Mehbooba Mufti) का तालिबान प्रेम उमड़ पड़ा है। बुधवार को कुलगाम में कहा कि, “अफगानिस्तान की नई सरकार शरिया कानून के तहत चले।”
मुफ़्ती ने कहा, “तालिबान एक हकीकत के रूप में उभर रहा है। अपने पहले शासन के दौरान उनकी मानवाधिकार विरोधी छवि थी। वे दुनिया के लिए एक उदाहरण स्थापित कर सकते हैं यदि वे वास्तविक शरिया कानून का पालन करते हैं जिसमें महिला अधिकार शामिल हैं, न कि शरिया की उनकी व्याख्या।”
उन्होंने आगे कहा, “खुदा ना खास्ता अगर जो बीते सालों में उन्होंने अपना एक तरीका अपनाएंगे तो फिर सारी दुनिया के लिए ही नहीं अफगानिस्तान के लोगों के लिए भी मुश्किल हो जााएगी।”
#WATCH | Taliban is emerging as a reality. They had an image of anti-human rights during their first rule. They can set an example for the world if they follow the real Sharia law which includes women rights,& not their interpretation of Sharia: PDP chief Mehbooba Mufti in Kulgam pic.twitter.com/00vTqNdKXQ
— ANI (@ANI) September 8, 2021
उम्मीद करूंगा कि वे सभी से इंसाफ करेंगे
मुफ़्ती के पहले नॅशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारुख अब्दुल्ला ने भी तालिबान की नई सरकार के समर्थन में बयान दिया था। अब्दुल्ला ने कहा कि, “अफगानिस्तान एक अलग देश है। जो वहां पर आए हैं उन्हें अब उस मुल्क को संभालना है। उम्मीद करूंगा कि वे सभी से इंसाफ करेंगे और इस्लामी उसूल पर अच्छी हूकूमत चलाएंगे। उन्हें हर मुल्क के साथ दोस्ताना ताल्लुक पैदा करने की कोशिश करनी चाहिए।”