करनाल (हरियाणा). किसानों पर 28 अगस्त को हुए कथित पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ करनाल में मंगलवार को लघु सचिवालय का घेराव करने के कार्यक्रम से एक दिन पहले प्रशासन ने जिले में सोमवार को लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया और मोबाइल इंटरनेट सेवा को निलंबित कर दिया गया। हरियाणा सरकार ने पास के चार जिलों में भी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं सोमवार दोपहर 12:30 बजे से लेकर मंगलवार मध्य रात्रि तक बंद रखने का आदेश दिया है।
कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद और पानीपत जिलों में मंगलवार को दिन में 12 बजे से रात 11:59 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद रहेगी। अधिकारियों ने कहा कि जिले में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 10 कंपनियों सहित सुरक्षा बलों की 40 कंपनियां तैनात की गई हैं, जहां स्थानीय अधिकारियों ने दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया।
हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए प्रशासन को छह सितंबर तक की समयसीमा दी थी। चढूनी ने कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ यहां सोमवार को बैठक हुई लेकिन उनकी मांगों के बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद उन्होंने मंगलवार सुबह लघु सचिवालय का घेराव करने फैसला किया। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन करेंगे, लेकिन अगर प्रशासन हमें रोकता है, तो हम बैरिकेड तोड़ देंगे।”
चढूनी ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित करने की किसानों की कोई योजना नहीं है। आदेश में कहा गया है कि व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया मंचों के जरिए गलत सूचना और अफवाहों के प्रसार पर काबू के लिए करनाल में मोबाइल इंटरनेट सेवा, एसएमएस सेवा को निलंबित करने का आदेश दिया गया है। इसमें कहा गया है कि हरियाणा के सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को आदेश का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है। बाद में एक और आदेश जारी कर कहा गया कि पास के चार जिलों में भी मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद रहेगी।
इससे पहले, हरियाणा पुलिस द्वारा जारी एक परामर्श अनुसार, मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-44 (अंबाला-दिल्ली) पर मंगलवार को करनाल जिले में कुछ यातायात व्यवधान हो सकता है। इसमें कहा गया, ‘‘इसलिए, एनएच-44 का उपयोग करने वाले लोगों को सलाह दी जाती है कि वे करनाल शहर की यात्रा करने से बचें या सात सितंबर को अपने गंतव्य तक जाने के लिए वैकल्पिक रास्तों का उपयोग करें।”
करनाल के पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया ने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 10 कंपनियों सहित सुरक्षा बलों की कुल 40 कंपनियां तैनात की गई हैं।
पुनिया ने कहा कि पड़ोसी जिलों से अतिरिक्त बल के साथ, पुलिस अधीक्षक रैंक के पांच के अधिकारी और 25 डीएसपी रैंक के अधिकारी यहां सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करेंगे। उन्होंने कहा कि सुरक्षा उपायों के तहत कैमरों से लैस ड्रोन भी तैनात किए जाएंगे। करनाल के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। कृषि कानूनों का विरोध करने वाले विभिन्न किसान संगठनों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर सात सितंबर को करनाल में लघु सचिवालय का घेराव करने की चेतावनी दी है। (एजेंसी)