
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर विधानसभा की सीटें बढ़ाने को लेकर चुनाव आयोग द्वारा बनाई परिसीमन आयोग ने बड़ा ऐलान किया है। आयोग ने विधानसभा की 83 सीटों को बढाकर 90 कर दिया है। इसी के साथ आयोग ने 16 सीटों को अनुसूचित और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित कर दी है। राज्य के इतिहास में पहली बार अनुसूचित जनजाति के लिए नौ सीटों को आरक्षित किया जा रहा है।
राज्य विधानसभा की परिसीमन को लेकर आयोग ने दिल्ली में बैठक बुलाई थी हुई। इस बैठक में आयोग के सदस्य और केंद्रीय मंत्री जीतेन्द्र सिंह, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुला, जम्मू से सांसद जुगल किशोर शर्मा, पीडीपी सांसद हसनान मसूदी मौजूद रहे।
तहसीलों की बढ़ी संख्या
वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त चंद्र भूषण कुमार ने बताया कि, “केंद्र शासित प्रदेश में पिछले परिसीमन के बाद से जिलों की संख्या 12 से बढ़कर 20 और तहसीलों की संख्या 52 से 207 हो गई।”
J&K | Senior Deputy Election Commissioner Chandra Bhushan Kumar informed that in the Union Territory, since the last delimitation, the number of districts has increased from 12 to 20 and the number of tehsils from 52 to 207: Delimitation Commission
— ANI (@ANI) December 20, 2021
परिसीमन आयोग ने कहा, “आयोग ने कुछ जिलों के लिए एक अतिरिक्त निर्वाचन क्षेत्र बनाने का भी प्रस्ताव किया है, ताकि उन भौगोलिक क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व को संतुलित किया जा सके जहां संचार की कमी है और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर उनकी दुर्गम परिस्थितियों के कारण सार्वजनिक सुविधाओं की कमी है।”
पहली बार एससी-एसटी आरक्षण
परिसीमन आयोग ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि, “पहली बार, जम्मू-कश्मीर में, जनसंख्या के आधार पर 90 सीटों में से अनुसूचित जनजातियों के लिए नौ सीटें आवंटित करने का प्रस्ताव है। अनुसूचित जाति के लिए सात सीटें प्रस्तावित हैं।”
For the first time, in Jammu & Kashmir, nine seats are proposed to be allocated for Scheduled Tribes out of 90 seats on the basis of population. Seven seats are proposed for Scheduled Castes, the Delimitation Commission said in an official statement
— ANI (@ANI) December 20, 2021
सभी सदस्य संतुष्ट
बैठक से बाहर निकले केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, “आयोग एक दस्तावेज लेकर आया है जो निष्पक्ष रूप से तैयार किया गया है। सभी संबद्ध सदस्यों ने दलों की परवाह किए बिना परिसीमन आयोग द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। आयोग द्वारा पालन किए गए मापदंडों से नेकां सदस्य भी संतुष्ट।”