Rajasthan Churu district administration launches 'Computer Sakhi' to educate rural women

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    जयपुर: राजस्‍थान (Rajasthan) के चुरू (Churu) जिले में जिला प्रशासन ने ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक विशेष पहल ‘कंप्यूटर सखी’ (Computer Sakhi) शुरू की है। इस पहल के तहत जिले भर में लगभग 70,000 लोगों को बुनियादी कार्यक्रमों और इंटरनेट का प्रशिक्षण दिया जाना है।

    जिला प्रशासन ने इस पहल के तहत प्रशिक्षण लेने वाली महिलाओं को आरएससीआईटी (सूचना प्रौद्योगिकी में राजस्थान स्टेट सर्टिफिकेट कोर्स) प्रमाण पत्र प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराने के लिए राज्‍य सरकार को पत्र लिखा है ताकि प्रशिक्षित महिलाओं को ग्राम पंचायत स्तर पर नौकरी मिल सके। अधिकारियों ने बताया कि इस पहल के तहत लगभग 6,500 महिलाओं ने पहले ही सरकारी स्कूल प्रयोगशालाओं में प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है और एक और बैच अगले सप्ताह शुरू होने वाला है।

    चुरू के जिलाधिकारी सिद्धार्थ सिहाग ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमारे पास स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में 70,000 महिलाएं शामिल हैं। हमारा लक्ष्य उन्हें डिजिटल और आर्थिक रूप से साक्षर बनाना है ताकि वे समाज में सकारात्मक भूमिका निभा सकें। हम सरकारी स्कूल कंप्यूटर प्रयोगशालाओं का उपयोग कर रहे हैं। हम मौजूदा बुनियादी ढांचे का ही उपयोग कर रहे हैं, जिससे इस पहल में कोई अतिरिक्त लागत या खर्च भी नहीं आ रही।” अधिकारी ने कहा कि चुरू जिले में 532 स्कूल हैं और उनमें से लगभग सभी में कंप्यूटर लैब और शिक्षक हैं।

    उन्होंने कहा, ‘‘इस साल के अंत तक, हमारे पास सभी स्कूलों में कंप्यूटर लैब होंगी। जल्द ही, उनके पास इंटरनेट कनेक्टिविटी भी होगी।” सिहाग ने कहा कि आरएससीआईटी में एसएचजी से जुड़ी इन ग्रामीण महिलाओं को उचित प्रमाण पत्र प्रदान करने में प्राथमिकता देने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है। उन्होंने कहा कि इसे सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है। इस कार्यक्रम की शुरुआत ‘पायलट प्रोजेक्ट’ के रूप में अप्रैल में 1,000 महिलाओं के साथ की गई।

    कार्यक्रम के नोडल अधिकारी संजय कुमार ने कहा कि प्रशिक्षण 15 दिनों के लिए दिया जाता है। इस दौरान इंटरनेट, गूगल सर्च, पेंट सॉफ्टवेयर, टाइपिंग और यूपीआई से लेनदेन सिखाया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रशासन का लक्ष्य अगले छह महीनों में 25,000 से 30,000 महिलाओं को प्रशिक्षित करना है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाएं इस कार्यक्रम को लेकर उत्साहित हैं क्योंकि इससे उन्हें नए कौशल सीखने में मदद मिल रही है।

    चुरू जिले के बिदसदर निवासी दौलत कंवर (30) ने कहा, ‘‘मेरा बेटा एक अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में पढ़ता है और मुझे कंप्यूटर के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। इस प्रशिक्षण ने मुझे मूल बातें सीखने में मदद की है। मैं और अधिक सीखना चाहता हूं और गांव स्तर पर नौकरी पाने के लिए एक उचित प्रमाणन प्राप्त करना चाहता हूं। प्रमाणीकरण और मार्गदर्शन से बहुत मदद मिलेगी।”

    चूरू के रतनगढ़ कस्बे की रहने वाली कमला देवी (33) ने कहा कि बहुत सी महिलाएं कंप्यूटर से परिचित नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह कार्यक्रम न केवल बुनियादी कंप्यूटर ज्ञान में मददगार है, बल्कि आरएस-सीआईटी प्रमाणन से जुड़े होने पर यह एक फीडर के रूप में भी काम करेगा। यह नौकरी पाने में मददगार होगा।” (एजेंसी)