जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) में मुख्यमंत्री पद को लेकर बवाल मच गया है। अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot) के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी किसे मिलेगी इस बात को लेकर कांग्रेस उलझ गई है। इस बीच रविवार को 90 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफे दे दिए हैं। जैसे ही सचिन पायलट (Sachin Pilot) को मुख्यमंत्री बनाने की बात सामने आई, अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) खेमा सक्रिय हो गया। अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों ने बैठक कर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने का विरोध किया।
इन विधायकों ने पार्टी आलाकमान के सामने कुछ शर्तें भी रख दीं। उनकी पहली शर्त यह है कि, सचिन पायलट (Sachin Pilot) को मुख्यमंत्री न बनाया जाए। दूसरी शर्त यह है कि, कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर ही अशोक गहलोत इस्तीफा दें और तीसरी शर्त यह है कि, नई सरकार में अशोक गहलोत समर्थकों को तवज्जो दी जाए।
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि, ‘दोनों एआईसीसी पर्यवेक्षक, मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन आज दिल्ली आएंगे और शीर्ष नेतृत्व को रिपोर्ट सौंपेंगे। नाराज विधायक पर्यवेक्षकों से मिलने को तैयार नहीं हैं। हाईकमान से चर्चा के बाद आगे की रणनीति तैयार होगी।’
#RajasthanPoliticalCrisis | Both AICC observers Mallikarjun Kharge and Ajay Maken will come to Delhi today and submit the report to the top leadership. Miffed MLAs are not ready to meet the observers. Next Step will be decided after the discussion with the high Command: Sources
— ANI (@ANI) September 26, 2022
राजस्थान में रविवार को आधी रात तक मुख्यमंत्री पद को लेकर सियासी ड्रामा चला। सचिन पायलट को सीएम बनाने की बात पर गहलोत गुट के विधायक रविवार शाम से ही कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर जुटने लगे।
गहलोत के समर्थक चाहते हैं कि अगला मुख्यमंत्री कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसने 2020 में पायलट द्वारा खुले विद्रोह के दौरान सरकार का समर्थन किया था। इसके बाद खबर आई कि, करीब 90 कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को उनके घर जाकर अपने इस्तीफे सौंप दिए हैं।