जयपुर में बनाई गई गोबर की राखी, 60 हज़ार ज़्यादा भेजी गई विदेश

    Loading

    जयपुर: रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2022) का त्यौहार भारत (India) में धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। इस साल यह त्यौहार 11 अगस्त को मनाया जाएगा। वहीं, जगह-जगह पर राखी की दुकाने भी लग गई है। जहां कई तरह के राखियां (Rakhi) मिल रही है। वहीँ विदेश में रह रहे भाई-बहन भी भारत से राखी भेजते हैं। ऐसे में इस बार जयपुर (Jaipur) में एक अनोखी राखी बनाई गई है। यह राखी गाय के गोबर (Cow Dung Rakhi) से बनी हुई है, जिसकी बहुत चर्चा हो रही है। 

    दरअसल, कुछ महीने पहले जयपुर से 192 मीट्रिक टन गाय के गोबर के निर्यात (Cow Dung Export) का इतिहास बनाने वाले ऑर्गेनिक फार्मर प्रोड्यूसर एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने इस बार एक और अनोखी चीज़ विदेश में एक्सपोर्ट की है। इस एसोसिएशन के अतुल गुप्ता ने बताया है कि, अमेरिका से 40,000 राखियों का ऑर्डर आया था। जबकि मॉरीशस से 20,000 राखियों का ऑर्डर मिला था। जहां उन्होंने जैविक गाय के गोबर की बनी राखियां भेजी है। 

    एसोसिएशन की महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष संगीता गौर के अनुसार, ‘इस साल गाय के गोबर से बनी राखियां भारत ही नहीं विदेशों में भी आकर्षण का केंद्र होगी। ये राखियां श्रीपिंजरापोल गौशाला परिसर के सनराइज ऑर्गेनिक पार्क में देशी गाय के गोबर से बनी हैं। ये राखियां प्रवासी भारतीयों (NRI) के लिए भाई-बहन के पवित्र संबंधों का प्रतीक होंगी।’

    वहीं, संस्था ने ये भी बताया है कि, गोबर से बनी राखियों से होने वाली आय (Income) का उपयोग गाय की रक्षा के सार्थक प्रयासों में होगा। इन प्राचीन राखियों को बनाते हुए हैनिमैन चैरिटेबल मिशन सोसायटी के महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं आजीविका कमाकर आत्मनिर्भर बनेंगी, इससे उनको रोजगार भी मिला है। साथ ही भविष्य में लोग चीन में बनी राखियों के उपयोग करने के बजाय इस हर्बल रखी का यूज़ करेंगे। इसके अलावा गाय के गोबर से बनी राखी (Rakhi made of Cow Dunk) को कलाई पर बांधने से रेडिएशन (Radiation) से भी बचाव भी होता है।