गृहमंत्री अमित शाह के दौरे से पहले सुरक्षा एजेंसी अलर्ट मोड़ पर, तैनात की गई 15 अतिरिक्त कंपनियां

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    श्रीनगर:  कश्मीर में पिछले दो हफ्तों में आतंकवादियों द्वारा आम लोगों की हत्या किए जाने की घटनाओं के करीब आठ साल बाद शहर की सड़कों पर सुरक्षा बंकरों की वापसी हो रही है तथा अर्धसैनिक बलों के और अधिक जवान तैनात किए जा रहे हैं। केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों (सीएपीएफ) द्वारा श्रीनगर के कई इलाकों में सुरक्षा बंकर तैयार किए जा रहे हैं जहां कश्मीर में सुरक्षा स्थिति में समग्र सुधार के बाद 2011 और 2014 के बीच इन्हें हटा दिया गया था। ज्ञात हो कि, गृहमंत्री अमित शाह कल शनिवार को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुचने वाले हैं।

    370 के बाद पहला दौरा 

    पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद यह पहला मौका है, जब अमित शाह राज्य के दौरे पर पहुंच रहे हैं। उनके दौरे के पहले श्रीनगर के चप्पे-चप्पे पर भारी सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। इसी के साथ 15 अतिरिक्त कंपनियों को भी पूरे जिले में तैनात किया गया है। साथ ही पूरे इलाके की ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है

    आतंकवादियों की मुक्त आवाजाही पर रोक लगाने की कोशिश

    सूत्रों ने कहा कि नए बंकरों का निर्माण तथा अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती आतंकवादियों की मुक्त आवाजाही को कम करने के लिए की जा रही है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की हालिया घटनाओं से पता चलता है कि आतंकवादी अपराध करने के बाद कुछ ही समय में एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में चले जाते हैं जिसे केवल क्षेत्र में वर्चस्व स्थापित कर और उनकी मुक्त आवाजाही पर अंकुश लगाकर ही रोका जा सकता है।

    आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि आम लोगों की हत्याओं के मद्देनजर घाटी में, विशेष रूप से श्रीनगर में सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की 50 कंपनियां तैनात की जा रही हैं। वर्ष 2010 में कश्मीर का दौरा करने वाले एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा की गई सिफारिशों पर श्रीनगर में 50 से अधिक सुरक्षा चौकियां और बंकर हटा दिए गए थे।

    2010 में केंद्र द्वारा नियुक्त वार्ताकारों की एक टीम ने भी इसी तरह की सिफारिशें की थीं। टीम का नेतृत्व वरिष्ठ पत्रकार दिलीप पडगांवकर ने किया था और प्रोफेसर राधा कुमार तथा पूर्व सूचना आयुक्त एम एम अंसारी इसके सदस्य थे।

    तब स्थिति में इस हद तक सुधार हुआ था कि तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम को जम्मू-कश्मीर से चरणबद्ध तरीके से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (आफ्सपा) को निरस्त करने के पक्ष में माना जाता था। हालांकि, इस बार उन जगहों पर नए बंकर बनाए गए हैं जहां 1990 के दशक में घाटी में आतंकवाद के चरम पर होने के दौरान भी ऐसी कोई चीज मौजूद नहीं थी। श्रीनगर में हवाई अड्डा मार्ग पर बरजुल्ला पुल पर ऐसे दो बंकर बनाए गए हैं।

    बहरहाल,, पुलिस अधिकारियों ने घाटी में उठाए गए नए कदमों पर कोई टिप्पणी नहीं की। पुलिस ने श्रीनगर के कुछ हिस्सों और दक्षिण कश्मीर के कुछ इलाकों में इंटरनेट भी बंद कर दिया है तथा शहर में दोपहिया वाहनों के कागजों की पड़ताल का सघन अभियान शुरू किया है। कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा था कि ये कदम पूरी तरह आतंकी हिंसा से संबंधित हैं।

    तीन दिन पहले एक दर्जन टॉवरों का इंटरनेट बंद कर दिया गया था और यह अधिकांशत: उन इलाकों में किया गया है जहां पिछले सप्ताह आतंकवादियों ने गैर-स्थानीय लोगों की हत्या कर दी थी। आतंकवादियों ने इस महीने नौ आम लोगों की हत्या की है जिनमें पांच गैर-स्थानीय मजदूर और जम्मू कश्मीर के निवासी तीन हिन्दू और सिख शामिल हैं।