पंजाब में पुलिस वाहन के नीचे आईईडी लगाने के मामले में बदमाश लखबीर का हाथ

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    चंडीगढ़. पंजाब के अमृतसर में एक पुलिस उप निरीक्षक की कार के नीचे परिष्कृत विस्फोक उपकरण (आईईडी) लगाने के मामले में मुख्य साजिशकर्ता कनाडा में रहने वाला बदमाश लखबीर सिंह उर्फ लंडा है । प्रदेश पुलिस प्रमुख ने शनिवार को इसकी जानकारी दी । पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने बताया कि इस मामले में एक पुलिस कांस्टेबल समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है ।

    उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किये गये लोगों में गाड़ी में आईईडी लगाने वाला भी शामिल है । उन्होंने बताया कि जिस व्यक्ति ने पुलिस उप निरीक्षक दिलबाग सिंह की एसयूवी के नीचे 16 अगस्त को आईईडी लगाया था, उसकी पहचान दीपक (22) के रूप में की गयी है, जो तरन तारन जिले के पट्टी का रहने वाला है ।

    आईईडी का वजन 2.79 किलोग्राम था जिसमें से पुलिस ने 2.17 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किया था । गिरफ्तार किये गये छह अन्य लोगों में पुलिस कांस्टेबल हरपाल सिंह और फतेहदीप सिंह शामिल है जिसने आईईडी लगाने के लिये रसद, तकनीकी और आर्थिक सहायता मुहैया करवायी थी। ये दोनों तरन तारन जिले के सबरा गांव के रहने वाले हैं । इनके अलावा राजिंदर कुमार ऊर्फ बाउ, कुशलबीर सिंह ऊर्फ चिट्टू, वरिंदर सिंह ऊर्फ आबु और गुरप्रीत सिंह ऊर्फ गोपी शामिल है।

    अमृतसर के पुलिस आयुक्त अरुण पाल सिंह ने कहा कि दीपक के अन्य साथी की भी पहचान हो गई जिसने उसके साथ मोटरसाइकिल से आईईडी को लगाने में मदद की। उन्होंने कहा कि इसके अलावा मोटरसाइकिल के मालिक और मोटरसाइकिल मुहैया कराने वाले व्यक्ति की भी पहचान हो गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस दल बाकी बचे लोगों की धरपकड़ में जुटे हैं और जल्द ही ये लोग भी सलाखों के पीछे होंगे।

    उन्होंने कहा कि आंतकी गतिविधियों में लिप्तता के लिए सिपाही हरपाल सिंह को सेवा से बर्खास्त किया जाएगा। लखबीर लंडा (33) तरनतारन का निवासी है और वह 2017 में कनाडा भाग गया था। लखबीर ने मोहाली में मई में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर राकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) से हमले की भी साजिश रची थी। (एजेंसी)